प्रणाली विश्लेषक के कार्यों का वर्णन कीजिए?

नमस्कार दोस्तों इस ब्लॉग में आपका स्वागत है आज आपको प्रणाली विश्लेषक के कार्यों का वर्णन कीजिए? के बारे में बतायेगे क्योकि प्रणाली विश्लेषक के कार्यों को जानना बहुत ही जरूरी होता है यह हमारे लिए बहुत ही जरूरी जानकारी होती है प्रणाली विश्लेषक का मुख्य कार्य प्रणाली का निर्माण करना है प्रणाली विश्लेषक की आंशिक रूप से समस्याओं को हल करने में सहायक होता है प्रणाली विश्लेषक को ज्ञान और भाषाओं का अनुभव होता है जो प्रणाली के प्रकाश और समस्याओं के लिए सहायक होता है तो चलिए दोस्तों शुरू करते है-

 

प्रणाली विश्लेषक के कार्यों का वर्णन

प्रणाली विश्लेषक का कार्य मुख्यता: प्रणाली को विकसित करना होता है प्रणाली विकास के इस प्रक्रिया को निम्नलिखित भागों में बांटा जा सकता है –

1. प्रारंभिक कार्य निर्माण

प्रणाली विश्लेषक का सर्वप्रथम कार्य किसी भी संस्था के प्रबंधकों के साथ मीटिंग कर इस बात का निर्धारण करना होता है कि किसी कार्य प्रक्रिया को कंप्यूटर कृत किया जाना है इस बात का निर्धारण हो जाने पर इस प्रक्रिया को कंप्यूटर क्रिएट किया जाता है उसके लिए एक लिखित दस्तावेज प्रतिवेदन तैयार किया जाता है जिसके आधार पर आगे का कार्य किया जाना होता है इस प्रतिवेदन की कॉपियां सभी डिपाटर्मेंटरो जिनमे  कंप्यूटरीकरण किया जाना है उन्हें भी दिखाई जाती हैं।

 

2. प्रारंभिक अध्ययन

आरंभिक प्रतिवेदन तैयार हो जाने के बाद प्रणाली विश्लेषण को वर्तमान में कार्यरत प्रणाली का एवं उसे प्रणाली में मौजूद है समस्याओं का अध्ययन आर्थिक व कार्यकारी तथा व्यवहार एकता की जांच करनी होती है तथा यह प्रारंभिक अध्ययन अगली चरण के लिए साधन का कार्य करती है।

 

3. विस्तृत अध्ययन

विस्तृत अध्ययन से तात्पर्य केवल इस प्रकार के अध्ययन से है जिसमें प्रणाली के प्रत्येक पक्ष की सदन जांच की जाती है इसके लिए साधारणता उन्हें विषय हो या बिंदुओं को चुना जाता है जिनके बारे में प्रारंभिक अध्ययन में चर्चा की जा चुकी है इस अध्ययन में निम्नलिखित बिंदुओं को आधार मानकर जानकारी एकत्र की जाती है

  • वर्तमान प्रणाली से संबंधित समस्त दस्तावेजों का अध्ययन करना।
  • वर्तमान प्रणाली की समस्याओं व असफलताओं के कारण का अध्ययन करना।
  • जांच के दौरान पाए गए तथ्यों का विश्लेषण तथा परिणाम का अध्ययन करना।
  • पूर्व में दिए गए प्रतिवेदन के समर्थन में अध्ययन।
  • नई प्रणाली के विकास में आवश्यक संसाधनों का अनुमान लगाना।

प्रणाली विश्लेषक इस चरण में वर्तमान प्रणाली में इस समय आ रही समस्याओं का निदान सूजन तथा कंप्यूटर आधारित प्रणाली के लिए पृष्ठभूमि तैयार करना है।

 

4. विस्तृत डिजाइन

प्रणाली विश्लेषक का पूर्ण अध्ययन हो जाने के पश्चात प्रणाली विश्लेषक का प्रणाली का ध्यान तैयार करता है इसके लिए सृजनात्मक तथा तकनीकी ज्ञान दोनों की आवश्यकता होती है इसके अंतर्गत उसे निम्नलिखित कार्य करने होते हैं

  1. प्रणाली के द्वारा दिए जाने वाले का आउटपुट का निर्धारण करना।
  2. निर्धारित आउटपुट के लिए इनपुट का निर्धारण।
  3. फाइलों का प्रकार व प्रारूप निर्धारण व उनकी संख्या का निर्धारण।
  4. संसाधन की विधि का निर्धारण एवं सॉफ्टवेयर चयन।
  5. डाटा इनपुट विधि का निर्धारण।
  6. इस विस्तृत प्रणाली में लगने वाली समय सीमा का निर्धारण करना।
  7. संपूर्ण प्रणाली का दस्तावेजीकरण।

प्रणाली और डिजाइन करते समय इस बात का ध्यान रखा जाता है कि वह अशुद्धियों से मुक्त हो वह आवश्यकताओं के अनुरूप उसमें संशोधन किए जा सके। प्रणाली डिजाइन हो जाने पर पुनः डिजाइन से संबंधित प्रतिवेदन को प्रणाली विश्लेषक प्रबंधन को दे देता है यदि प्रतिवेदन प्रबंधन के द्वारा स्पीकर कर लिया जाता है तब प्रणाली विश्लेषक उसे प्रणाली का विकास प्रारंभ कर देता है और प्रणाली का पूर्ण विकास होने तक उसे प्रणाली के उपयोगकर्ताओं को दश किया जाता है।

 

5. क्रियान्वित प्रणाली लागू करना

कंप्यूटर प्रोग्राम के बन जाने के पश्चात उनके टेस्ट डाटा पर प्रणाली का परीक्षण किया जाता है जो की प्रणाली के अध्ययन के द्वारा ही एकत्र किया गया होता है जिसमें प्रणाली को लागू करने से पूर्व यह पता रहे की प्रणाली को नई प्रणाली यह दोबारा किस प्रकार प्रतिस्थापित किया जाएगा इसका समय निर्धारण करना भी प्रणाली विश्लेषक का ही कार्य है।

 

6. रखरखाव व पुनः निरीक्षण

संस्था में प्रणाली के एक बार स्थापित हो जाने के वह कुछ समय तक सफलतापूर्वक चल जाने के पश्चात प्रणाली विश्लेषण का कार्य इस बात की जांच करता है कि आरंभ में प्रलय काजू होती है निर्धारित किया गया था इस प्रणाली के द्वारा प्राप्त किया गया है अथवा नहीं तो वर्तमान प्रणाली की अवस्था में क्या सुधार किया जाए कि वह अपने सुधार के उद्देश्य को प्राप्त कर सके इसका प्रबंधन प्रणाली विश्लेषक को करना होता है।

 

FAQ’s 

1. प्रणाली विश्लेषक का मुख्य कार्य क्या है ?

प्रणाली विश्लेषक का मुख्य कार्य प्रणाली का निर्माण करना है प्रणाली विश्लेषक की आंशिक रूप से समस्याओं को हल करने में सहायक होता है प्रणाली विश्लेषक को ज्ञान और भाषाओं का अनुभव होता है जो प्रणाली के प्रकाश और समस्याओं के लिए सहायक होता है।

2. विस्तृत अध्ययन क्या होता है ?

जिसमें प्रणाली के प्रत्येक पक्ष की सदन जांच की जाती है इसके लिए साधारणता उन्हें विषय हो या बिंदुओं को चुना जाता है।

3. कंप्यूटर प्रोग्राम के बन जाने के पश्चात क्या किया जाता है?

कंप्यूटर प्रोग्राम के बन जाने के पश्चात उनके टेस्ट डाटा पर प्रणाली का परीक्षण किया जाता है जो की प्रणाली के अध्ययन के द्वारा ही एकत्र किया गया होता है।

 

Conclusion (निष्कर्ष)

तो दोस्तों आपको मेरी यह पोस्ट प्रणाली विश्लेषक के कार्यों का वर्णन कीजिए? वाली पोस्ट कैसी लगी आशा और उम्मीद है कि आपको बहुत ही अच्छी और हेल्पफुल रही होगी अगर आपका कोई सवाल है तो आप मुझे comment बॉक्स में comment जरूर करे तथा इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे।

Leave a Comment

error: Content is protected !!