प्रिंटर की इंक का खर्च कैसे बचाये ?

printer ki ink – नमस्कार दोस्तों आपका इस ब्लॉग में स्वागत है आज आपको प्रिंटर की इंक के बारे में जानेगे की आप प्रिंटर की इंक का खर्च केसे बचा सकते है  प्रिंटर की कीमत लगातार कम हो रही है, लेकिन इंक का खर्च जस का तस है। प्रिंटर बनाने वाली कंपनियां इसे सस्ता नहीं कर रही हैं। लेकिन आप इसका खर्च कम कर सकते हैं। आज से दस साल पहले कंप्यूटर, प्रिंटर और प्रिंटर इंक तीनों की कीमत बहुत ज्यादा होती थी। प्रिंटर की स्याही प्रति मिलीलीटर एक बेहतरीन शैंपेन के मुकाबले ज्यादा महंगी होती थी।आज कंप्यूटर की कीमत 20 हजार की रेंज में आ गई है और आप तीन से चार हजार रुपए में एक प्रिंटर खरीद सकते हैं।  तो चलिए दोस्तों शुरू करते है –

 

प्रिंटर की इंक का खर्च कैसे बचाये ? (printer ki ink)

  • printer ki ink – दुनिया के कई उपयोक्ताओं का मानना है कि वे प्रिंटर कंपनियों के बंधक बन गया महसूस करते हैं। कुछ समय पहले तक लोग प्रिंटर इंक का खर्च बनाने के लिए ब्रांडेड इंक खरीदने की बजाय लोकल प्रोडक्ट से काम चलाते थे, लेकिन बहुत जल्दी कंपनियों ने इसे भांप लिया और अपने प्रिंटर में ऐसी व्यवस्था कर दी, जिससे आप उसके अलावा कोई दूसरी इंक का इस्तेमाल नहीं कर पाएं। अब कंपनी के ब्रांडेड कार्टरेजेज को छोड़ कर अगर आप लोकल ब्रांड यूज करते हैं तो प्रिंटर काम करना बंद कर देगा।
  • प्रिंटर बनाने वालों ने तकनीकी रूप से तरक्की कर ली है, लेकिन उनकी तरक्की सिर्फ अपने फायदे वाली है। मिसाल के तौर पर उन्होंने इन्क्रिप्टेड प्रिंटर चिप्स बना लिए, जिसकी मदद से प्रिंटर कांपैटेबल इंक की पहचान कर लेगा। अगर उस कंपनी का कार्टरज नहीं लगा है तो वह काम नहीं करेगा।
  • इस तरह कंपनियों ने इंक का खर्च बचाने की आपकी योजना पर पानी फेर दिया। अब दूसरी जगह से खरीदा गया कार्टरज आप इस्तेमाल नहीं कर सकते है। अगर आपने बहुत पहले एक या दो दशक पहले प्रिंटर खरीदा होगा तब यह सुविधा थी कि आप उसमें खुद से इंक भी भर सकते थे। यह बहुत आसान भी था।
  • आप एक सीरिंज में इंक भरके कार्टरेज में डाल सकते थे। लेकिन प्रिटर कंपनियों ने बहुत जल्दी सस्ते इंक के इस उपाय को भी बंद कर दिया और अपने ओईएम यानी ऑफिशिएयल डिजाइन्ड कार्टरज बनाने शुरू कर दिए। साथ ही आपको यह भी बताया कि अगर आप बाहर से लेकर इंक यूज करते हैं तो यह आपके प्रिंटर को नुकसान पहुंचा सकता है। लेकिन आपको प्रिंटर बनाने वाली कंपनियों के बहकावे में आने की जरूरत नहीं है। printer ki ink –
  • आप अब भी अपने कार्टरेज को रिफील कर सकते हैं और पैसे बचा सकते हैं। मिसाल के तौर पर आप टेस्को का वैल्यू रिफील पैक खरीद सकते हैं। इसकी कीमत सिर्फ पांच सौ रुपए है। लेकिन आप इससे किसी भी ब्रांड के इंकजेट प्रिंटर को छह बार रिफील कर सकते हैं।
  • इसी तरह एप्सन के T0715 का कलर और ब्लैक इंक खरीदते हैं तो इसकी कीमत करीब ढाई हजार रुपए आएगी, लेकिन किसी भी ब्रांड के इंकजेट प्रिंटर को इसकी मदद से 30 बार रिफील किया जा सकेगा।
  • हालांकि अपने प्रिंटर में नया कार्टरेज लगाना अपेक्षाकृत बहुत आसान काम है। इसके मुकाबले प्रिंटर को रिफील करना थोड़ा जटिल है। लेकिन इससे परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि नए कार्टरेज को मुकाबले जो पैसे बचते हैं, उसकी प्रेरणा से आप यह काम कर सकते हैं।
  • वैसे भी कार्टरेज रिफील की सीख देने वाली कई साइटस बन गई हैं। कुछ साइटस तो वीडियो के जरिए समझाते हैं कि कैसे अपने कार्टरेज को रिफील करेंगे। आप अगर रिफील करना चाहें तो आपको google और  youtube से मदद मिल सकती है।
  • इसी तरह ब्रिटेन में इसके लिए एक ब्लॉग भी बना है। अगर आप इंकजेट की बजाय लेजर प्रिंटर का इस्तेमाल करते हैं तो उसमें स्याही नहीं भरी जाती है। उसमें पावडर की रूप में कलर डाला जाता है। इसे रिफील करना इंकजेट के मुकाबले थोड़ा मुश्किल होता है। फिर भी आप लेजर प्रिंटर को भी रिफील कर सकते हैं।
  • वे इंकजेट की तरह इसमें भी सलाह देने बाली साइटस बन गई हैं। आप उनकी मदद से लेजर प्रिंटर को रिफील कर सकते हैं। रिफील के अलावा प्रिंटर के कार्टरेज को ज्यादा समय तक चलाने और उससे ज्यादा प्रिंट लेने के भी कुछ उपाय हैं। मिसाल के तौर पर अगर आप बहुत सामान्य यूज होने वाले इंकजेट प्रिंटर का इस्तेमाल करते हैं तो आप यह काम आसानी से कर सकते हैं।
  • आपको लग रहा है कि आपके प्रिंटर का कार्टरज खाली हो गया है, उसमें स्याही नहीं बची है क्योंकि प्रिंट साफ नहीं आ रहा है। तो आप कार्टरेज को बाहर निकालें और उसमें कॉपर या गोल्ड वाला जो हिस्सा है, उसके ऊपर चिपकने वाला एक टेप लगा दें, फिर उसे प्रिंटर में लगा दें। आप अब इससे कुछ और प्रिंट ले सकते हैं।
  • इस तरीके से आप कार्टरेज की स्याही की आखिरी बूंद तक इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा एक तरीका प्रिंटर बनाने वाली कंपनी से सब्सक्रिप्शन लेने का है। कई कंपनियां आपको प्रति पेज प्रिंट के हिसाब से अपनी सेवा देती हैं। मिसाल के तौर पर एक कंपनी की सेवा करीब डेढ़ सौ रुपए में 50 पेज प्रिंट देने की है।
  • यानी आपको कार्टरेज का ध्यान नहीं रखना है। इसका ध्यान कंपनी रखेगी और वह आपसे प्रति पेज तीन रुपए चार्ज करेगी। इसके कई फायदे हैं। एक फायदा तो यह है कि आपको कार्टरेज की क्वालिटी और प्रिंटर के साथ उसकी कपैटिबिलीटी की चिंता नहीं करनी है।
  • कई बार ऐसा होता है कि आप कार्टरज लाते हैं और वह ठीक से काम नहीं करता है। ऐसे में आपके पैसे बेकार जाते हैं। कई बार किसी खास कार्टरेज के साथ प्रिंटर काम नहीं करता है। इन दोनों मुश्किलों से आप बच सकते हैं। इसलिए प्रिंटर खरीदते समय ही कंपनी की सब्सक्रिप्शन सेवा के टीटी जीटीबारे में जानकारी हासिल कर लें।
  • एक उपाय इंक सेविंग साफ्टवेयर आजमाने का भी है। ऐसे कई साफ्टवेयर आ गए हैं, जो आपकी प्रिंट सेटिंग बदल देते हैं, जिससे प्रति पेज प्रिंटिंग में लगने वाली स्याही की मात्रा कम हो जाती है। हालांकि ऐसे साफ्टवेयर की आपको कीमत चुकानी पड़ती है।

 

FAQ’S

1. अब कंपनी ने क्या बनाना शुरू कर दिया है ?

अब कंपनी ने ओईएम यानी ऑफिशिएयल डिजाइन्ड कार्टरज बनाने शुरू कर दिए।

2. अगर आप बाहर से नकली इंक लाकर यूज करते हैं तो क्या होगा ?

यह आपके प्रिंटर को नुकसान पहुंचा सकता है। आपके Docouments को सही प्रिंट करने नहीं देगा अच्छी Quality नहीं देगा।

 

Conclusion (निष्कर्ष)-

तो दोस्तों आज आपने इस पोस्ट से जाना है कि आप प्रिंटर की इंक का खर्च केसे बचा सकते है लेकिन प्रिंटर की स्याही आज भी पहले ही तरह ही महंगी है। आज भी प्रति मिलीलीटर प्रिंटर इंक की कीमत एक बेहतरीन शैंपेन की प्रति मिलीलीटर से ज्यादा है। असल में कंपनियां प्रिंटर सस्ता करके इसके उपयोक्ताओं की संख्या बढ़ाती जा रही हैं, लेकिन इंक की कीमत कम नहीं करके उसके जरिए कमाई कर रही हैं। मुझे आशा है कि आपको मेरी यह पोस्ट अच्छी लगी होगी अगर आपका इस पोस्ट printer ki ink – से रिलेटेड कोई सवाल है तो comment करे तथा अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे।

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