नेटवर्क और डाटा सुरक्षा क्या होता है 12 उपाय क्या है

नमस्कार दोस्तों, इस आर्टिकल में आपको नेटवर्क और डाटा सुरक्षा क्या होता है 12 उपाय क्या है के बारे में पूरी जानकारी देगे नेटवर्क (Network) पर उपलब्ध सूचना, डाटा या सॉफ्टवेयर को अनाधिकृत (unauthorized) व्यक्तियों की पहुंच से दूर रखना तथा केवल विश्वनीय उपयोगकर्ता द्वारा ही इनका उपयोग सुनिश्चित करना। नेटवर्क का उपयोग करना आज पूरे विश्व भर में फैला हुआ है। क्यों कि ये दुनिया नेटवर्क (Network) से जुड़ी हुई है। यह सामान्य नेटवर्क व सुरक्षित नेटवर्क के बीच का काम करता है तथा कंप्यूटर को नेटवर्क के खतरों जैसे वायरस, वॉर्म, हैकर आदि से सुरक्षा प्रदान करता है। इनकमिंग डाटा की जांच करता है तो चलिए दोस्तों शुरू करते है- 

नेटवर्क और डाटा सुरक्षा क्या होता है?

नेटवर्क और डाटा सुरक्षा वह होता है जहा पर यूजर के हर प्रकार का डाटा सुरक्षित रखा जाता है जो नेटवर्क के जरिये संभव होता है इसलिए यूजर अपना जायदा डाटा को सुरक्षित रखता है- 

इंटरनेट सुरक्षा के 3 आधार है जो निम्नलिखित है

1. उपयोगकर्ता के प्रमाणिकर्ता की जांच करना – उपयोगकर्ता के प्रमाणिकर्ता की जांच Login id, password, गुप्त कोड आदि द्वारा की जाती है। 

2. एक्सेस कंट्रोल (Access Control) –  कुछ विशेष डाटा या सूचना की उपलब्धता कुछ विशेष उपयोगकर्ता के लिए ही सुनिचित करना एक्सेस कंट्रोल कहलाता है।अंगुलियों के निशान (Finger print), आवाज़ की पहचान (Voice Recognition), इलेक्ट्रोनिक कार्ड आदि द्वारा ऐसा किया जाता है।

3. क्रिप्टोग्राफी (cryptography) – सूचना या डाटा को इंटरनेट पर भेजने से पहले उसे गुप्त कोड में परिवर्तित करना तथा प्राप्तकर्ता द्वारा उसे प्रयोग से पूर्व पुन: सामान्य सूचना में परिवर्तित करना क्रिप्टोग्राफी कहलाता है। 

 

नेटवर्क और डाटा सुरक्षा के 10 उपाय –

नेटवर्क और डाटा सुरक्षा के 12 उपाय निम्नलिखित है –

  1. कंप्यूटर सुरक्षा (computer suraksha)
  2. साइबर स्पेस (cyber space)
  3. स्पैम (Spam)
  4. कुकीज (Cookies)
  5. प्रॉक्सी सर्वर (proxy server)
  6. फायरवॉल (firewall)
  7. फिशिंग (phishing)
  8. डिजिटल हस्ताक्षर (digital signature)
  9. इंटरनेट सुरक्षा (internet security)
  10. यूजर आइडेंटिफिकेशन (user identification)
 

1. कंप्यूटर सुरक्षा (Computer security) 

Computer सुरक्षा का तात्पर्य कम्प्यूटर स्टोर किए गए तथा नेटवर्क द्वारा स्थानांतरित किए गए डाटा की सुरक्षा से है। कंप्यूटर सुरक्षा में सैंध लगाकर 

  • उपयोगकर्ता की पहचान और निजी जानकारी जैसे पासवर्ड आदि प्राप्त किया जा सकता है।
  • डाटा को नष्ट किया जा सकता है।

 

2. साइबर स्पेस (cyber Space) 

दुनिया भर मे फैले कंप्यूटर संचार नेटवर्क तथा उसके चारो ओर फैले सूचना के भंडार को साइबर स्पेस (cyber Space) का काल्पनिक नाम दिया जाता है।  साइबर वारफेयर ( cyber warfare)

 3. स्पैम (Spam)

  1. इसे नेटवर्क के दुरुप्योग के रूप में जाना जाता है। यह ईमेल संदेश का अभेदकारी वितरण होता है जो ईमेल तंत्र में सदस्यता के Overlapping के कारण संभव हो पाता है।
  2. स्पैम सामान्यत: कंप्यूटर, नेटवर्क तथा डाटा को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाते है।  स्पैम मुख्यता विज्ञापन होते है जिसे लोग देखना नहीं चाहते है। 
  3. स्पैम भेजने का खर्चा उपयोगकर्ता या सर्विस प्रोवाइडर पर पड़ता है, अत: इसे एक विज्ञापन के सस्ते मधायंबके रूप में प्रयोग किया जाता है। इंटरनेट की विशालता के कारण स्पैम भेजने वाले spammer को पकड़ना थोड़ा मुश्किल होता है।

 

 4. कुकीज (Cookies)

  1. कुकीज वह सॉफ्टवेयर है जिसके द्वारा कोई वेबसाइट कुछ सूचनाएं उपयोगकर्ता के कंप्यूटर पर स्टोर करता है। कुकीज उपयोगकर्ता की जानकारी के बिना परदे के पीछे काम करता है।
  2. इसके द्वारा सर्वर उपयोगकर्ता की प्राथमिकताएं तथा उसके द्वारा खोजी गई वेबसाइटों का विवरण वेब ब्राउजर पर संग्रहीत रहता है। अगर वही उपयोगकर्ता उसी वेबसाइट पर दोबारा जाता है
  3. तो सर्वर कुकीज के माध्यम से उसकी प्राथमिकताओं और वेबसाइटों को प्रस्तुत करता है। कुछ वेबसाइट उपयागकर्ता के username और password को याद रखते है जिससे बार बार login करने की जरूरत नहीं पड़ती है।

 

5. प्रॉक्सी सर्वर (proxy server)

प्रॉक्सी सर्वर के उद्देश है-

  • मालवेयर तथा वायरस पर नियंत्रण रखना।
  • मुख्य सर्वर की गोपनीयता बनाए रखना।
  • डाटा ट्रांसफर की गति को बढ़ाना
 

6. फायरवॉल (firewall)

  • यह एक डिवाइस है जो किसी कंप्यूटर या नेटवर्क में अनाधिकृत व्यक्तियों का प्रवेश रोकता है जबकि अनाधिकृत उपयोगकर्ताओं को कंप्यूटर, नेटवर्क व डाटा उपयोग करने देता है।
  •  इस प्रकार, फायरवॉल किसी कंप्यूटर, डाटा या स्थानीय नेटवर्क को अनाधिकृत उपयोगकर्ताओं से सुरक्षा प्रदान करता है। फायरवॉल हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर या दोनो के रूप में हो सकता है।

 

7. फिशिंग (phishing)

इंटरनेट पर इंटरनेट उपयोगकर्ता के यूजर नेम, पासवर्ड तथा अन्य व्यक्तिगत जानकारी को प्राप्त करने का प्रयास करना फिशिंग (fishing) कहलाता है।

 

8. डिजिटल हस्ताक्षर (digital signature)

  • यह कंप्यूटर नेटवर्क पर किसी की पहचान स्थापित करने, उसकी स्वीकृति (approval) प्राप्त करने तथा किसी तथ्य को सत्यापित (verify) करने की एक पद्धति है। इससे नेटवर्क सुरक्षा का भी ध्यान रखा जाता है।
  • डिजिटल हस्ताक्षर तकनीक का प्रयोग कंप्यूटर पर स्टोर किए गए किसी डॉक्यूमेंट का प्रिंट लिए बिना उस पर सिग्नेचर करने को कहा जाता है। डिजीटल siginatare किसी मैसेज या डॉक्यूमेंट का प्रयोग होता है।
  • डिजीटल siginatare कंप्यूटर पर कोडेड फॉर्म (coded form) में स्टोर किया जाता है ताकि उसे अनाधिकृत उपयोगकर्ता की पहुंच से दूर रखा जा सके। Ecommerss (ईकॉमर्स) तथा Egovermance ।
 

9. इंटरनेट सुरक्षा (internet security)

इंटरनेट सुरक्षा का अर्थ है नेटवर्क तथा नेटवर्क पर उपलब्ध सूचना, डाटा या सॉफ्टवेयर को अनाधिकृत व्यक्तियों की पहुंच से दूर रखना तथा केवल विश्वनीय उपयोगकर्ता द्वारा ही इनका उपयोग सुनिश्चित करना।

 

10. यूजर आइडेंटिफिकेशन (user identification)

Computer तथा नेटवर्क पर अधिकृत उपयोगकर्ता की पहचान करना यूजर आइडेंटिफिकेशन कहलाती है।

  • यूजर नेम तथा पासवर्ड (user name and password)
  1. उपयोगकर्ता की पहचान स्थापित करने तथा उसे सत्यापित करने की सर्वाधिक लोकप्रिय प्रचलित विधि यूजर नेम तथा पासवर्ड की होती है।
  2. कंप्यूटर पहले से स्टोर किए गए यूजर नेम तथा पासवर्ड से दी गई सूचना का मिलान करता है, तथा सही पाए जाने पर ही कंप्यूटर तथा नेटवर्क के प्रयोग की इजाजत देता है।

 

  • पासवर्ड सुरक्षित रखने के उपाय
  1. पासवर्ड नियमित अंतराल पर बदलते रहना चाहिए।
  2. पासवर्ड बहुत छोटा नही होना चाहिए।
  3. पासवर्ड में अक्षर (letter), अंको (Numbers), तथा विशेष चिन्हों (special Characters) का मिक्स होना चाहिए।
  4. पासवर्ड में Capital letter, तथा Small letter का प्रयोग भी किया जाना चाहिए।

 

  • बायोमैट्रिक तकनीक

अंगुली की छाप, आंख की पुतली, आवाज का प्रयोग कर उपयोगकर्ता की पहचान स्थापित करने की तकनीक बायोमैट्रिक तकनीक कहलाती है।

 

FAQ’s 

1. Password बड़ा क्यो होना चाहिए।

पासवर्ड बड़ा इसलिए होना चाहिए ताकि वो आसानी से डाटा को न चुरा सके।

2. Encryption क्या कहलाता है।

सूचना या डाटा को गुप्त संदेशों में बदलने की प्रिक्रिया एनक्रिप्शन (Encryptions) कहलाती है।

 

Conclusion (निष्कर्ष): 

तो दोस्तों नेटवर्क और डाटा सुरक्षा क्या होता है 1 आज हर जगह पर कोई न कोई  फाइल की जरूरत होती है । तथा नेटवर्क , डाटा सुरक्षा आदि काम किए जाते है। आशा है आपको ये पोस्ट अच्छी लगी होगी। अगर आपको इस पोस्ट से रिलेटेड कोई भी जानकारी चाहते हैं तो आप हमे कॉमेंट भी कर सकते है। तथा आप इस पोस्ट को अपने दोस्तो के साथ शेयर करे।

 

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