ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है? ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य और प्रकार ।

Operating system in Hindi – नमस्ते दोस्तों, इस पोस्ट में आपको what is operating system in hindi – ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है? ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य और प्रकार के बारे में पूरी जानकारी देगे, जिससे आप ऑपरेटिंग सिस्टम को अच्छी तरह से जान पायेगे तो चलिए शुरू करते है। ऑपरेटिंग सिस्टम एक ऐसा प्रोग्राम होता है जो की उपयोगकर्ता और कंप्यूटर हार्डवेयर के बीच एक मध्यस्थ की भूमिका को निभाते हैं ऑपरेटिंग सिस्टम किसी भी कंप्यूटर सिस्टम का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है जिसके बिना कंप्यूटर सिस्टम का कार्य करना संभव नहीं है। तो दोस्तों आज को पोस्ट में हम जानेगे की ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है कितने भाग है इसके कार्य,प्रकार आदि सब कुछ जानेगे। तो चलिए दोस्तों शुरू करते है –

 ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है?(what is operating system)-

  • ऑपरेटिंग सिस्टम (operating system) एक ऐसा प्रोग्राम (program) होता है जो की प्रयोगकर्ता (user) और कंप्यूटर हार्डवेयर (computer hardware) के बीच एक मध्यस्थ की भूमिका को निभाते हैं।
  • यह प्रोग्राम (program) एक ऐसा वातावरण (atomsphere) देता है जिसमें की प्रयोगकर्ता (user) अपनी सारी प्रोग्राम (program) को क्रियान्वित कर सके।
  • ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रारंभिक उद्देश कंप्यूटर सिस्टम को सुविधाजनक में बनाना है जिस की यूजर उसको आसानी से प्रयोग में ले सके।
  • इसका दूसरा उद्देश्य कंप्यूटर (computer) हार्डवेयर (hardware) का ज्यादा  अच्छे स्तर तक प्रयोग करना भी रहता है।

 

एक कंप्यूटर सिस्टम को चार भागों में बांटाना –

  1. हार्डवेयर (hardware)
  2. ऑपरेटिंग सिस्टम (operating system)
  3. एप्लीकेशन प्रोग्राम (application)
  4. यूजर (user)

 

ऑपरेटिंग सिस्टम (operating system ) के कार्य –

ऑपरेटिंग सिस्टम (operating system) के कार्य- कंप्यूटर हार्डवेयर में निर्जीव पुर्जे (Nonliving parts) होते हैं लेकिन मानवीय सोच (Human menttlaty) के अनुसार काम करते हैं यह नियंत्रण (control) होकर काम करते हैं।

ऑपरेटिंग सिस्टम का महत्वपूर्ण कार्य प्राथमिक कार्य है नियंत्रण (control) और प्रबंधन (managment) ऑपरेटिंग सिस्टम या निश्चित करता है कि प्रक्रिया के लिए प्रविष्टि प्रोग्राम अपने कार्यों को कमअनुसार संपन्न करें और कंप्यूटर मौजूद संसाधन (Resourse) इस प्रोग्राम के लिए मौजूद हो।

बड़े कंप्यूटर में जिनमे एक से ज्यादा यूजर एक साथ काम कर सकते हैं ऑपरेटिंग सिस्टम सभी उपयोगकर्ता (user) की वैधता (validity) की जांच करता है और केवल वह उपयोगकर्ता (user) ही इन कंप्यूटर पर काम कर सकते है जिन्हें पासवर्ड (password)  दिया गया है।

ऑपरेटिंग सिस्टम के निम्नलिखित कार्य होते हैं-

  1. व्यक्ति द्वारा दिए गए अलग-अलग निर्देशों (instruction) और हार्डवेयर के बीच आपसी समझ स्थापित करना।
  2. इनपुट/आउटपुट मैनेजमेंट- इस मैनेजमेंट के अंतर्गत इनपुट तथा आउटपुट डिवाइस का समन्वय और उन डिवाइस को काम सोपा जाना शामिल है, जब एक या अधिक प्रोग्राम क्रियान्वयन होते हैं।
  3. कुछ विशेष कंट्रोल प्रोग्राम द्वारा जॉब (job) में ऑटोमेटिक परिवर्तन (automatic change) किया जा सकता है।
  4. मेमोरी मैनेजमेंट- इस मैनेजमेंट के अंतर्गत सिस्टम प्रोग्राम यूजर प्रोग्राम और टाटा को में मेमोरी में स्टोर कराया जाता है।
  5. फाइल मैनेजमेंट- फाइल मैनेजमेंट इसमें फाइनल को स्टोर (store) किया जाता है और इन फाइलों को एक डिवाइस पर हस्तांतरित किया जाता है और यह बात की स्वीकृति भी प्रदान करता है कि फाइनल को बदल (change) कर सकें और उनमें परिवर्तन (change) कर सकें ।
  6. इसके लिए किसी टेक्स्ट रीडर (text reader) का उपयोग किया जाता है
  7. विभिन्न गलत (differnt error) संदेशों का निर्माण करना।
  8. इंटरनल (internal) टाइम क्लॉक का रखरखाव करना।
  9. इसमें जॉब प्राथमिकता (job priority) को बनाना और उसको बढ़ावा दिया जाता है, और यह तय किया जाता है कि यह एक कंप्यूटर सिस्टम में कौन सा काम पहले किया जाना चाहिए
  10. प्रोसेसर मैनेजमेंट-  इसके अंतर्गत अलग-अलग कार्य प्रोसेसर को दिए जाते हैं जो कि एक कंप्यूटर सिस्टम द्वारा पूरे किए जाते हैं।
  11. कम्पाइलर (complier), असेंबलर (assenbler), यूटिलिटी प्रोग्राम (utility program) और अन्य सॉफ्टवेयर को विभिन्न user को प्रदान करना तथा उनमें समन्वय स्थापित करना।
  12. डेटा सुरक्षा (Data security) और एकता (intergrity) का निर्माण करना  जिससे कि विभिन्न प्रोग्राम और डाटा के बीच कोई भेदभाव पैदा नहीं हो।
  13. गतिविधियों का संचालन-  प्रक्रिया के दौरान कंप्यूटर सिस्टम की गतिविधियों का ऑपरेटिंग सिस्टम ध्यान रखना है, एवं प्रोग्राम में एरर (error) होने पर उन्हें निरस्त करता है।
  14. इसी प्रकार इनपुट/आउटपुट डिवाइसेज (input/output decives) में आने वाले किसी भी खराबी (error) के लिए user को उसी समय सन्देश (message) भी ऑपरेटिंग सिस्टम (operating system) देता है।
  15. संसाधनों और कार्यों की अनुसूची बनाना- कंप्यूटर प्रणाली की डिवाइसेज के लिए कार्यों की सूची ऑपरेटिंग सिस्टम तैयार करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम यह निर्णय करता है कि किस डिवाइस का उपयोग किस काम के लिए होना चाहिए यह क्रिया तब जटिल हो जाती है जब अनेक काम कंप्यूटर सिस्टम को एक साथ करने होते हैं। ऑपरेटिंग सिस्टम के शेड्यूल प्रोग्रम (sedulaing program) कार्यों की संपन्न होने के क्रम को निर्धारित करते हैं।

 

ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार –

ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार-कंप्यूटर प्रणाली के आधार पर ऑपरेटिंग सिस्टम विकसित किए जाते हैं
ऑपरेटिंग सिस्टम के निम्नलिखित प्रकार हो सकते हैं-
  1.  सिंगल यूजर सिस्टम (Singal User System)
  2.  मल्टी प्रोग्रामिंग (Multi Programming)
  3.  मल्टी प्रोसेसिंग (Multi Processing)
  4.  बैच प्रोसेसिंग (Batch Processing)

 

1. सिंगल यूजर सिस्टम (Singal User System)-  

  • एक सिंगल यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम वह होता है, जिसमें केवल एक प्रोग्राम एक बार में क्रियान्वित होता है पहले समय के अधिकांश ऑपरेटिंग सिस्टम सिंगल यूजर होते थे और आजकल के अधिकांश माइक्रो कंप्यूटर में भी सिंगल ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता है।
  • इस ऑपरेटिंग सिस्टम में एक समस्या है कि इसमें एक प्रोग्राम एक बार में क्रियान्वत किया जा सकते हैं इसलिए इस सिस्टम में प्रोग्राम एक लाइन में व्यवस्थित रहते हैं।
  • एक कंप्यूटर सिस्टम एक प्रोग्राम को तुरंत मानता नहीं देता है जब तक उसके साथ कोई पहचान ना हो इसलिए सूचनाओं का सही होना बहुत जरूरी है जिससे कि उसे प्रोग्राम को पहचाना जा सके।
 

2. मल्टी प्रोग्रामिंग (Multi Programming)-  

  • मल्टी प्रोग्रामिंग ऑपरेटिंग सिस्टम  विशेष प्रोग्राम का एक समूह है, जो कंप्यूटर की क्रियो का संचालन करता है और कंप्यूटर की क्रियाओ को एक प्रोग्राम से दुसरे प्रोग्राम में स्थानांतरित करके गति देता है।
  • कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम के सहायता से स्वयं की क्रियाओ पर ध्यान देता है और स्वचालित रूप से अन्य एप्लीकेशन प्रोग्राम को काम बाटता है| यह सभी अन्य प्रोग्राम के निर्देशों को मशीन के समझना योग बनता है।
  • कुछ मल्टीप्रोग्रामिंग सिस्टम में कुछ निश्चित काम ही क्रियात्मक किए जाते हैं, उन्हें मल्टीप्रोग्रामिंग विद फिक्स्ड टास्क (multi programming with fixed tasks) कहते हैं।
  • और जहां पर कामों की संख्या निश्चित नहीं होती है, वहां उसे मल्टीप्रोग्रामिंग पर वेरिएबल टास्क कहते हैं।
  • एक मल्टीप्रोग्रामिंग सिस्टम के लिए कुछ हार्डवेयर और कुछ सॉफ्टवेयर विशेषताओं की जरूरत पड़ती है।

1. बड़ी मेमोरी (Large Memory)
2. मेमोरी सुरक्षा (Memory Protection)
3.  प्रॉपर जब मिक्सिंग (Pproper job Mixing)

 

3. मल्टी प्रोसेसिंग (Multi Processing)  

  • मल्टी प्रोसेसिंग शब्द का उपयोग एक प्रोसेसिंग दृष्टिकोण को समझने के लिए किया जाता है जहां पर दो या ज्यादा प्रोसेसर एक दूसरे से जुड़े रहते हैं इस प्रकार के सिस्टम में अलग-अलग और स्वतंत्र प्रोग्राम के निर्देश एक ही समय में एक से अधिक प्रोसेसर द्वारा क्रियापद किए जाते हैं।
  • अथवा प्रोसेसर द्वारा विभिन्न निदेशकों का क्रियान्वन एक के बाद एक किया जाता है जो की एक ही प्रोग्राम से मिले हो यह ऑपरेटिंग सिस्टम का ही काम है यह इनपुट आउटपुट आफ प्रोसेसिंग क्षमताओं के बीच तालमेल स्थापित करता है।
  • दूसरे शब्दों में मल्टी प्रोसेसिंग का उपयोग आपस में जुड़े हुए कंप्यूटर्स जिसमें दो या दो से अधिक सीपीयू लगी हूं और उनमें एक क्षमता होगी वह अलग-अलग प्रोग्राम का क्रियान्वित एक साथ करें मल्टी प्रोसेसिंग से कंप्यूटर की कार्य क्षमता में वृद्धि होती है।
  • यह तकनीक पैरेलल प्रोसेसिंग को सहायता देता है और इस तकनीक से एक सीपीयू खराब होने पर काम दूसरी सीपीयू के द्वारा कर सकते हैं इस प्रकार की प्रोसेसिंग सुपर कंप्यूटर में होती है।
 

4. बैच प्रोसेसिंग (Batch Processing)- 

  • शुरू में पंच कार्ड के उपयोग से बेच प्रोसेसिंग द्वारा कार्य संपन्न होते थे बेंच प्रोसेसिंग एक पुराना तरीका है जिसके माध्यम से विभिन्न प्रोग्राम को क्रियान्वित किया जा सकता है।
  • और इसका उपयोग विभिन्न डाटा प्रोसेसिंग सेंटर पर काम को क्रियान्वित करने के लिए किया जाता है ऑपरेटिंग सिस्टम की यह तकनीक ऑटोमेटिक जो परिवर्तन के सिद्धांत पर निर्भर यानी डिपेंड है।
  • यही सिद्धांत अधिकांश ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा किया जाता है इस प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम में प्रत्येक उपयोगकर्ता अपने प्रोग्राम को ऑफलाइन तैयार करता है और काम के पूरा हो जाने पर उसे डाटा प्रोसेसिंग सेंटर पर जमा कर देता है।
  • एक दूसरे ऑपरेटर उन सारे प्रोग्राम को इकट्ठा करता है तब वह उसे पेज के कंप्यूटर कामों के प्रिंटेड आउटपुट को प्राप्त करता है। 
  • और उन आउटपुटों को संबंधित उपयोगकर्ताओं को दे देता है इस प्रक्रिया को सीरियल सीक्वेंशियल ऑफलाइन और स्क्रिप्ट जब प्रोसेसिंग भी कहते हैं।
 
FAQ’S
1. ऑपरेटिंग सिस्टम कितने प्रकार की होती है ?
     ऑपरेटिंग सिस्टम चार प्रकार की होती है।
 
2. किस में फाइलों को स्टोर किया जाता है ?
    फाइल मैनेजमेंट में फाइलों को स्टोर किया जाता है।
 
3. उपयोगकर्ता इन कंप्यूटर पर काम कैसे कर पता है ?
    उपयोगकर्ता के पास एक पर्सनल पासवर्ड होता है जिसका उपयोग वह कंप्यूटर पर कर पता है।
 
Conclusion (निष्कर्ष): 
दोस्तों मैं आपको इस पोस्ट में what is operating system in hindi — ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है? 15 कार्य और प्रकार. के बारे में आपको पूरी जानकारी दी है आशा है कि आपको मेरी यह पोस्ट अच्छी लगी हो गई अगर आप इस पोस्ट से रिलेटेड कोई भी पूछना चाहते हैं तो आप मुझे कमेंट करें और अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।

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