इनपुट डिज़ाइन, आउटपुट डिज़ाइन क्या है? इसके 5 प्रकार, माध्यम क्या है

नमस्कार दोस्तों इस पोस्ट में आपको इनपुट डिज़ाइन, आउटपुट डिज़ाइन क्या है? इसके 5 प्रकार, माध्यम क्या है  के बारे में आपको पूरी जानकारी दी जाएगी यह पोस्ट पढने के बाद आपको किसी और साईट पर विजिट करने की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योकि आपको इस पोस्ट में पूरी पूरी और सही सही इनफार्मेशन दी जाएगी ताकि आप इनपुट डिज़ाइन ,आउटपुट डिज़ाइन के बारे में अच्छी तरह से समझ सके तो आइये शुरु करते है –

 

इनपुट डिज़ाइन क्या है? (What is input designe)

सिंपल डिजाइन प्रणाली डिजाइन का एक अत्यंत महत्वपूर्ण भाग है जिसके लिए अत्यधिक सावधानी की आवश्यकता होती है डाटा संसाधन के समय सामान्य आने वाली तिथियां का कारण इनपुट डाटा की अशुद्धियां होती है

कुछ अशुद्धियां डाटा ऑपरेटर द्वारा की जाती है जो की एक प्रभावी डिजाइन के द्वारा नियंत्रित किया जाता है कई बार इनपुट डाटा का संकलन प्रणाली का एक अत्यंत खर्चीला भाग होता है।

इनपुट डिजाइन करते समय एक प्रणाली विश्लेषण को निम्न उद्देश्यों को ध्यान में रखना चाहिए

  • इनपुट डिजाइन के लिए कम खर्चीला भीम का निर्माण हो।
  • इनपुट डाटा की अशुद्धता का अधिकतम संभावना स्तर प्राप्त हो सके।
  • डाटा प्रणाली के उपयोगकर्ता इनपुट को आसानी से समझ सके।

 

इनपुट डिजाइन के चरण (Steps in input Design)

संपूर्ण इनपुट डिजाइन प्रक्रिया विभिन्न चरणों में अभिव्यक्त होती है इनमें से कुछ निम्नलिखित हैं-

  1. डाटा का उसके स्रोत से संकलन
  2. डाटा की इनपुट फॉर्म में प्रविष्टि
  3. इनपुट डाटा का ऐसे रूप में परिवर्तन जिसे की कंप्यूटर ग्रहण कर सके
  4. डाटा की शुद्धता की जांच डाटा नियंत्रण
  5. डाटा की कंप्यूटर में प्रवस्ति
  6. इनपुट डाटा की प्रोग्राम द्वारा जांच कंप्यूटर प्रोग्राम द्वारा ग्रहण करने का समय
  7. इनपुट डाटा में सुधार कहीं भी गलती प्राप्त होने के बाद

किसी भी इनपुट डिजाइन के समय यह आवश्यक नहीं है कि उपर्युक्त सभी चरणों का समावेश हो या इसी क्रम में उनका प्रयोग किया जाए।

 

इनपुट डिज़ाइन के प्रकार (Type of input) 

इनपुट डिजाइन की प्रारंभिक स्थिति में इनपुट डाटा की प्रकृति को जान लेना अत्यंत आवश्यक होता है इनपुट की प्रकृति को निम्न प्रकार से विभाजित किया जा सकता है

  1. बाहा इनपुट (Input From Outside)
  2. आंतरिक इनपुट (Input From Inside)
  3. कार्यकारी इनपुट  (Operational Input)
  4. कंप्यूटरिकृत इनपुट (Computerised Input)
  5. अंतः क्रियात्मक इनपुट (Interactive Input)

 

1. बाहा इनपुट (Input From Outside) – ऐसे इनपुट जो संस्थान के बाहर से प्राप्त होंगे उदाहरण के लिए ग्राहक संस्थाओं के आदेश पत्र।

2. आंतरिक इनपुट (Input From Inside) – ऐसे इनपुट जो संस्थान के भीतर ही उत्पन्न होंगे या उपलब्ध होंगे जैसे किसी ग्राहक का रिकॉर्ड।

3. कार्यकारी इनपुट  (Operational Input) – ऐसे इनपुट है जो डाटा प्रोसेसिंग कार्य पर नियंत्रण करें अथवा जिन पर पूर्ण डाटा प्रोसेसिंग आधारित हो।

4. कंप्यूटरिकृत इनपुट (Computerised Input) – ऐसे इनपुट जो अन्य कंप्यूटर आधारित प्रणाली या भीम के फल स्वरुप बाय या आंतरिक रूप से प्राप्त हो।

5. अंतः क्रियात्मक इनपुट (Interactive Input) – अंतः क्रियात्मक इनपुट ऐसे इनपुट जॉन डेटा प्रविष्टि व संस्थान के समय कंप्यूटर द्वारा मांगे जाना पर बीच-बीच में दिए जाते हैं।

 

इनपुट माध्यम (input Media) 

वर्तमान समय में अनेक प्रकार की इनपुट साधन उपलब्ध हैं।

  1. पंच कार्ड (Punch Card)
  2. डिस्क (Disk)
  3. मैग्नेटिक इंक कैरेक्टर रीडर (MICR)
  4. ऑप्टिकल कैरक्टर रीडर (OCR)
  5. बारकोड रीडर (Bar Code Reader)
  6. मार्क सेन्सिंग रीडर (Mark Sensing Reader)

 

1. पंच कार्ड (Punch Card) – इस माध्यम में परिचालक पंच कार्ड के ऊपर स्तोत्र द्वारा प्राप्त डाटा को पांच कहता है लेकिन यह मध्य वर्तमान में प्रचलित नहीं है।

2. डिस्क (Disk) – इस इनपुट माध्यम में डाटा को ही कीबोर्ड की सहायता से प्रवेश किया जाता है वर्तमान में सर्वाधिक प्रचलित यही माध्यम है इसकी सन गृह क्षमता काफी अधिक होती है लेकिन मूल अत्यंत कम होता है।

3. मैग्नेटिक इंक कैरेक्टर रीडर (MICR) – मैग्नेटिक इंक कैरेक्टर रीडर विशिष्ट प्रकार के अक्षरों को जब चुंबकीय स्याही का प्रयोग कर कहीं पर उपयोग में लाया जाता है इसका उपयोग बैंक ड्राफ्ट वह चेक में किया जाता है।

4. ऑप्टिकल कैरक्टर रीडर (OCR) – ऑप्टिकल कैरक्टर रीडर इसके कार्य करने की विधि भी MICR की तरह ही होती है लेकिन यह पेंसिल पेन अथवा अन्य किसी विधि से बनाए गए अक्षरों को पढ़कर चुंबकीय अक्षरों सहित उन्हें कंप्यूटर से इनपुट कर लेता है।

5. बारकोड रीडर (Bar Code Reader) – बारकोड रीडर वर्तमान में वस्तुओं पर बारकोड देने की प्रक्रिया अत्यंत प्रचलन में है बारकोड रीडर इन्हें पढ़कर इनका मूल सीधे ही कंप्यूटर में इनपुट कर लेता है।

6. मार्क सेन्सिंग रीडर (Mark Sensing Reader) –  मार्क सेन्सिंग रीडर निर्धारित स्थानों पर यदि पेंसिल का निशान उपलब्ध हो तो उसे पढ़कर संबंधित इनपुट कंप्यूटर को प्रदान करता है इसका उपयोग लोक सेवा केंद्र आयोग परीक्षाओं की कॉपियों को जचने के लिए किया जाता है।

 

डाटा प्रविष्टि के प्रकार (Type of Data Entry)

किसी भी प्रणाली के लिए इनपुट प्रविष्टि हेतु दो प्रकार से डाटा इनपुट की जाती है।

  1. ऑनलाइन डाटा प्रविष्टि  (Online Data Entry)
  2. ऑफलाइन डाटा प्रविष्टि  (Offline Data Entry)

प्रणाली की आवश्यकता अनुसार इनमें से किसी भी प्रकार को चुना जा सकता है-

1. ऑनलाइन डाटा प्रविष्टि  (Online Data Entry)

यदि Data की मात्रा अधिक ना हो तो ऑनलाइन डाटा प्राइवेसी की जाती है ऑनलाइन डेटा प्रविष्टि में सीढ़ी कंप्यूटर का उपयोग करते हुए कीबोर्ड द्वारा इनपुट मध्य में प्रविष्टि कराया जाता है इस प्रकार की डेटा प्रविष्टि साधनता कंप्यूटर प्रोग्राम के जरिए की जाती है इस प्रकार डेटा प्रविष्टि करने का डाटा प्राइवेसी की गति अपेक्षाकृत धीमी होती है।

2. ऑफलाइन डाटा प्रविष्टि  (Offline Data Entry)

यदि Data की मात्रा काफी अधिक हो तब ऑफलाइन डेटा प्रविष्टि प्रयोग में लाई जाती है ऑफलाइन डेटा प्रविष्टि में डाटा इनपुट के लिए कंप्यूटर का प्रयोग नहीं किया जाता है वरुण प्रविष्टि के रूप से डेटा प्रविष्टि के लिए निर्मित उपकरण डाटा एंट्री मशीन प्रयुक्त किए जाते हैं।

 

आउटपुट डिज़ाइन क्या हैं? (What is output designe)

कंप्यूटर आउटपुट प्रणाली उपयोगकर्ता के लिए सूचना प्राप्त करने का सर्वाधिक महत्वपूर्ण साधन है क्योंकि यही डाटा संसाधन के उपरांत परिणाम की प्रति कागज या अन्य किसी माध्यम पर उपलब्ध कराता है।

जिसे बाद में आवश्यकता पड़ने पर प्रयोग में लाया जा सकता है एक उपयुक्त तरीके से डिजाइन किया गया आउटपुट है जो की उपयोगकर्ता द्वारा जाहि गई सूचना जानकारी उपलब्ध कराता है।

वह निर्णय लेने में सहायक होता है वह प्रणाली व उसके उपयोगकर्ता के मध्य संबंध को मजबूत बनाता है भिन्न-भिन्न स्थानों पर अलग-अलग आउटपुट की आवश्यकता होती है।

 

आउटपुट की परिभाषा – आउटपुट और जिस रूप से प्राप्त किया जाता है उसके बनने से पहली आउटपुट में शामिल किए जाने वाला डाटा को पूरा परिवर्तित किया जाता है यह बहुत आवश्यक होता है।

डाटा परिभाषित करने का अर्थ निम्नलिखित बिंदुओं की सारी जानकारी से है-

  • आउटपुट के प्रकार
  • आउटपुट की सामग्री
  • आउटपुट माध्यम
  • आउटपुट डाटा का क्रम
  • आउटपुट की मात्रा
  • आउटपुट डाटा का उपयोग

 

आउटपुट डिज़ाइन के प्रकार (Type of output designe)

आउटपुट डिजाइन के प्रकार निम्नलिखित है-

  1. बाहा आउटपुट (External Output)
  2. आंतरिक आउटपुट  (Internal Output)
  3. ऑपरेशनल आउटपुट (Operational Output)

 

1. बाहा आउटपुट (External Output) – ऐसे आउटपुट जो संस्थान से बाहर भेजे जाने हैं यह बाय आउटपुट कहलाते हैं इन्हें तैयार कहाँ पर विशेष ध्यान दिया जाता है क्योंकि यह संस्थान की इमेज बाहर प्रदर्शित करता है।

2. आंतरिक आउटपुट  (Internal Output) – इस प्रकार के आउटपुट संस्थान में भीतर ही उपयोग में लाई जाती हैं।

3. ऑपरेशनल आउटपुट (Operational Output) – इस प्रकार के आउटपुट संस्था के कंप्यूटर विभाग के भीतर ही उपयोग में आते हैं उदाहरण के लिए प्रोग्राम की लिस्ट आदि।

 

आउटपुट माध्यम (Output Medium)

आउटपुट के प्रकार का पता चल जाने के पश्चात प्रणाली विश्लेषक को सर्वाधिक उपयुक्त आउटपुट माध्यम की खोज करनी होती है इसके लिए उसके पास कई विकल्प है। 

जैसे- कि डॉट मैट्रिक पेंटर, लाइन प्रिंटर, ग्राफ प्लॉटर, लेजर प्रिंटर, विजुअल डिस्प्ले यूनिट, फ्लॉपी डिस्क के माइक्रो फिल्म आदि उपलब्ध रहते हैं इनमें से आवश्यक आउटपुट प्राप्त करने के लिए सर्वे अधिक उत्तम मध्य चयन करने के लिए कई बातों को ध्यान में रखना होता है।

इनमें से कुछ प्रमुख बातें निम्न प्रकार से हैं-

  1. प्रक्रिया द्वारा आउटपुट संबंधित आउटपुट माध्यम पर प्राप्त किया जा सकता है या नहीं?
  2. आउटपुट कागज पर चाहिए या नहीं?
  3. आउटपुट कितनी प्रशन में चाहिए?
  4. आउटपुट कितने समय में चाहिए वह उसकी आपत्ति क्या होगी?
  5. आउटपुट किस स्थान पर प्रयोग किया जाएगा?
  6. धन ब्याव की सीमा क्या है?

 

आउटपुट डिजाइन व आउटपुट माध्यम 

आउटपुट कंप्यूटर आउटपुट प्रणाली उपयोगकर्ता के लिए सूचना प्राप्त करने का अत्यधिक महत्वपूर्ण माध्यम है क्योंकि यही डाटा संसाधन के बाद परिणाम के प्रति कागज या अन्य किसी माध्यम पर उपलब्ध कराई जाती है।

जिसे बाद में आवश्यकता पड़ने पर उपयोग में लाया जा सकता है एक अच्छे तरीके से डिजाइन किया गया आउटपुट जो की उपयोगकर्ता द्वारा चाहे गई सूचना प्राप्त करता है और लेने में सहायक कर देता है वह प्रणाली वह उसके उपयोगकर्ता के मध्य संबंध को मजबूत बनाता है अलग-अलग स्थान पर अलग-अलग आउटपुट की जरूरत होती है।

 

FAQ’S 

1. डाटा प्रविष्टि के प्रकार क्या है ?

  • ऑनलाइन डाटा प्रविष्टि  (Online Data Entry)
  • ऑफलाइन डाटा प्रविष्टि  (Offline Data Entry)

2. मैग्नेटिक इंक कैरेक्टर रीडर (MICR)

मैग्नेटिक इंक कैरेक्टर रीडर विशिष्ट प्रकार के अक्षरों को जब चुंबकीय स्याही का प्रयोग कर कहीं पर उपयोग में लाया जाता है इसका उपयोग बैंक ड्राफ्ट वह चेक में किया जाता है।

 

Conclusion (निष्कर्ष)

तो दोस्तों,आज आपने इस पोस्ट में इनपुट डिज़ाइन, आउटपुट डिज़ाइन क्या है? इसके 5 प्रकार, माध्यम क्या है। के बारे में आपको अच्छी तरह से आपको बताया है अगर आपको मेरी ये पोस्ट अच्छी लगी हो तो आपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे।

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