इंटरनेट क्या है? इतिहास, गुण,तत्व,लाभ,हानि क्या है।

internet in hindi – नमस्कार दोस्तों आपका इस ब्लॉग पर स्वागत है आज आपको इस पोस्ट में इंटरनेट क्या है? इतिहास, गुण,तत्व,लाभ,हानि क्या है। इंटरनेट के बारे में पूरी जानकारी बताएंगे। क्योंकि आज कल हर जगह पर इंटरनेट का सबसे जायदा प्रयोग किया जाता है घर, दुकान, माल, कंपनी, यातायात आदि सभी स्थानों पर इंटरनेट का ही सबसे ज्यादा उपयोग में लिया जाता है। आज के समय में इंटरनेट के बिना विश्व में कुछ भी नहीं किया जा सकता है। तो चलिए यह पोस्ट शुरू करते है ओर जानते है की आखिर  internet kya hai

 

 इंटरनेट क्या है (internet kya hai)

internet kya hai – इंटरनेट एक विश्व व्यापी कंप्यूटर नेटवर्क पर संग्रहीत सूचना वितरित करने तथा विभिन्न कंप्यूटर यूजर के मध्य सहयोग व संपर्क का माध्यम है जिसके द्वारा बिना किसी धर्म देश या भेदभाव के सूचनाओं का आदान-प्रदान करना संभव है।

इंटरनेट की विभिन्न लोगों ने निम्न परिभाषा दी है

  • कुछ ऐसे फाइबर ऑप्टिक टेलीफोन लाइन या उपग्रह माध्यम से जुड़ी कंप्यूटर का समूह कहते हैं।
  • कुछ इस कंप्यूटर यूजर द्वारा विश्व में संदेश व सूचना की आदत प्राण का सारांश कहते हैं।
  • कुछ ऐसे भविष्य के तकनीक कहते हैं जिसके बिना जीवन की कल्पना भी असंभव होगी।

इंटरनेट का पितामह कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर लिपोनार्ड क्लीनरॉक को कहा जाता है।

इंटरनेट का इतिहास 38 साल पुराना है। प्रोफेसर लिपोनार्ड तथा उनके 2 साथियों ने 2 सितंबर 1969 को दो कंप्यूटर के मध्य से संवाद कायम करने में सफलता पाई थी यह संवाद रेफ्रिजरेटर के आकार के एक राउटर(Router) के जरिए बना था जिसे इंटरफेस मैसेज प्रोसेसर कहा गया। वास्तव में दो कंप्यूटर के जरिए आपस में 20 अक्टूबर 1969 को बात की गई अमेरिका की ARPA एजेंसी ने इसके लिए धन दिया था।

 

इंटरनेट का इतिहास 

internet kya hai – इंटरनेट एक बहुत तेज में गति से बढ़ता हुआ नेटवर्क है इसकी शुरुआत है 1960 के दशक में अमेरिकी रक्षा विभाग अन्वेषण के कार्यों के लिए हुई थी

जो 1992 में 10 लाख कंप्यूटर 1993 में 20 लाख कंप्यूटर और बाद में बढ़ता रहा। इंटरनेट वास्तव में पब्लिक के लिए कम्युनिकेशन हुआ इनफॉरमेशन एक्सेस करने का सबसे सस्ता माध्यम है।

इंटरनेट के विकास में बहुत लोगों का योगदान रहा इसके प्रारंभिक विकास की अवस्था 1950 के दशक में की जा सकती है।

इसके प्रारंभिक का उस गवर्नमेंट ने उसपर सोवियत संघ से स्पेस सुप्रीमेसी सर्वोच्चिता पुनः प्राप्त करने के लिए जो कि उसपर के 1957 में इस भूत नेक के लॉन्च करने से उस के यहां से चली गई थी ए आरपीए एडवांस रिसर्च प्रोजेक्ट एजेंसी बनाई जिसमें जकर लेटर कंप्यूटर विभाग के प्रमुख थे।

 

इंटरनेट के विभिन्न तत्व

इंटरनेट के विभिन्न तत्व पर निम्नलिखित है।

  1. Client PCs
  2. server computers
  3. Networks
  4. Nodes

 

1. Client PCs

यह भी कंप्यूटर होते हैं जिनके माध्यम से यूजर सर्वर (Server) पर रिक्वेस्ट (Request) भेजते हैं तथा सर्वर (Server) इन रिक्वेस्ट (Request) को रिस्पांस (Response) करते हैं।

2. server computers

दूसरे कंप्यूटर की अपेक्षाकृत कंप्यूटर बहुत पावरफुल होते हैं तथा मल्टीप्ल क्लाइंट (Multiple Client) को एक साथ विभिन्न प्रकार का डाटा उपलब्ध कराते हैं।

3. Networks

यह दो या दो से अधिक सर पर कंप्यूटरों से तथा मल्टीप्ल क्लाइंट पीसीएस (Multiple Client PCs) से मिलकर बना होता है।

4. Nodes

Node ek सामान्य टर्म है जो एक client,Server या नेटवर्क को निरूपित करती है।

 

इंटरनेट के विभिन्न गुण 

इंटरनेट के विभिन्न गुण निम्नलिखित है

  • इंटरनेट के लिए कोई भी केंद्रीय नियंत्रण संस्था नहीं है यह बढ़ती हुई यूजर की संख्या व बढ़ाते हुए ट्रैफिक की मात्रा को नियंत्रित करने में पूरी तरह से सक्षम है
  • इस गुण को टेक्नोलॉजी की इसके एबिलिटी कहते हैं यह यूजर के गुण धाम निर्धारित नहीं करता है अतः यूजर एक मशीन है एक व्यक्ति अथवा कोई व्यापारिक एंट्री कुछ भी हो सकता है
  • ऐसे बैकबोन नेटवर्क एजेंसी मिलकर इंटरनेट बनता है वह प्राइवेट कंपनी के स्वामित्व नियंत्रण में होते हैं इनमें मुख्य रूप से MCI worldcom और Sprint शामिल है।
  • प्राइवेट कंपनी अक्सर भौतिक लाइनों को शेयर करती है और भी अक्सर क्षेत्रीय टेलीकम्युनिकेशन कंपनियों (जैसे-आरबीओसी  से लाइन लीज किराए पर लेती है इंटरनेट पर भगवान लाइन जी बिंदु पर लिक्विड होती हैं उसे न आप नेटवर्क एक्सेस प्वाइंट कहते हैं जहां पर आईपीएस इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर ट्रैफिक एक्सचेंज कहते हैं इंटरनेट के लिए टीसीपी आईपी एक स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल समूह है

 

इंटरनेट के लाभ 

इंटरनेट के लाभ निम्नलिखित है

  • यह संपूर्ण विश्व को जोड़ने का एकमात्र तरीका है कम्युनिकेशन का सबसे सस्ता तरीका है कम्युनिकेशन का सबसे तेज तरीका है
  • जनसाधारण द्वारा नियंत्रण है अर्थात सर्वमान्य स्टोर स्टेटस का पालन किया जाता है क्योंकि किसी का स्वामित्व नहीं है
  • शिक्षा व व्यापार का सर्वोत्तम माध्यम में इंटरनेट के साथ कार्य करने के लिए हम बहुत अधिक ज्ञान व तकनीकी जानकारी आवश्यक नहीं है।

 

इंटरनेट की हानियां

इंटरनेट की हानियां निम्नलिखित है

  • अपर्याप्त सुरक्षा अर्थात हैकर्स हुआ क्रैकर्स का अत्यधिक खतरा रहता है
  • इस पर बहुमूल्य सूचना की अपेक्षा व्यर्थ सामग्री में बहुत अधिक है।
  • कभी-कभी और ऑर्गनाइजेशन की प्रोडक्टिविटी कम होने लगती है क्योंकि कर्मचारी अधिकांशत नेट सर्फिंग व्यापारिक कार्यों के लिए ना करते हुए यह सब मनोरंजन के लिए ही करते हैं
  • समय का नुकसान होता है क्योंकि सूचना को ढूंढना व पुनः प्राप्त करने में बहुत अधिक समय लगता है
  • इंटरनेट का व्यवसाय समाज व स्वच्छ दोनों के लिए नुकसानदायक है।

 

FAQ

1. इंटरनेट का पितामह कौन है ?

इंटरनेट का पितामह कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर लिपोनार्ड क्लीनरॉक को कहा जाता है।

 

2. इंटरनेट एक बहुत तेज में गति से बढ़ता हुआ क्या है?

इंटरनेट एक बहुत तेज में गति से बढ़ता हुआ नेटवर्क है इसकी शुरुआत है 1960 के दशक में अमेरिकी रक्षा विभाग अन्वेषण के कार्यों के लिए हुई थी

 

3. यह संपूर्ण विश्व को जोड़ने का एकमात्र क्या है ?

यह संपूर्ण विश्व को जोड़ने का एकमात्र तरीका है कम्युनिकेशन का सबसे सस्ता तरीका है कम्युनिकेशन का सबसे तेज तरीका है

 

4. ऐसे बैकबोन नेटवर्क एजेंसी मिलकर इंटरनेट बनता है?

ऐसे बैकबोन नेटवर्क एजेंसी मिलकर इंटरनेट बनता है वह प्राइवेट कंपनी के स्वामित्व नियंत्रण में होते हैं इनमें मुख्य रूप से MCI worldcom और Sprint शामिल है।

 

Conclusion (निष्कर्ष)

तो दोस्तों आपको इंटरनेट क्या है? internet kya hai इतिहास, गुण,तत्व,लाभ,हानि क्या है। यह पोस्ट कैसी लगी comment बॉक्स में जरूर बताये आशा है की आपको पसंद आई होगी और हेल्पफुल रही होगी इसी तरह की जानकारी के लिए मेरे ब्लॉग से जुड़े रहे और अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे ।

 

 

 

 

 

 

 

 

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