स्ट्रक्चर्ड एनालिसिस (Structured Analysis) क्या है? इसके विभिन्न टूल्स क्या-क्या है1

Structured Analysis in Hindi – नमस्कार दोस्तों आज आपको इस पोस्ट स्ट्रक्चर्ड एनालिसिस (Structured Analysis) क्या है? इसके विभिन्न टूल्स क्या-क्या है1 के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देने की पूरी कोसिश करूगा ताकि आपको इस पोस्ट के कही और विजिट करने की जरूरत न पड़े और आपको इस पोस्ट से रिलेटेड जानकारी मिल सके।

 

स्ट्रक्चर्ड एनालिसिस (Structured Analysis) क्या है?

एनालिसिस प्रोसेस का हृदय है। यह साइकल के प्रथम दो चरणों का मुख्य घटक है पहले चरण में समस्या को परिभाषित करना और प्रारंभिक जांच पड़ताल करना हमारा लक्ष्य होता है यह एनालिसिस वर्तमान सिस्टम को समझने में हमारी मदद करता है चरण दो में संभवत अध्ययन के उपरांत वर्तमान सिस्टम का विस्तृत अध्ययन और संभावित समाधान पता लगाए जाते हैं इसका परिणाम सिस्टम इस स्पेसिफिकेशन है जिससे सिस्टम डिजाइन का प्रारंभ होता है।

वर्तमान सिस्टम को एनालाइज (Analysise) किए जाने के दौरान एनालिस्ट साक्षात्कारों, प्रश्नावलियों, साइट पर अवलोकनों, प्रक्रियात्मक आदि के द्वारा निर्मित डाटा के विपुल मात्रा एकत्र करता है परंपरागत विधि सिस्टम फ्लो चार्ट के द्वारा डाटा को व्यवस्थित और रूपांतरित करने की है जो सिस्टम के भावी विकास में मदद करती है और यूजर के साथ संचार व्यवस्था को सरल बना देती है किंतु सिस्टम फ्लोचार्ट लॉजिकल के स्थान पर भौतिक सिस्टम दर्शाता है इससे सिस्टम में क्या हुआ है और कैसे हुआ है में अंतर करना कठिन हो जाता है।

परंपरागत विधि में कुछ अन्य समस्याएं भी मौजूद होती हैं इसके कारण एनालिस्ट को सिस्टम डिजाइन के प्रारंभिक बिंदु के रूप में busstupid के ब्लूप्रिंट के समय रूप कोई चीज चाहिए होती है यह भौतिक कार्यान्वन के स्थान पर फंक्शन पर केंद्रित करने की विधि है ऐसा एक उपकरण डाटा फ्लो डायग्राम है इसके साथ ही साथ उन उपकरण भी है संरक्षित विश्लेषण में काम आने वाले उपकरणों की व्याख्या निम्न प्रकार है-

  • संरचित विश्लेषण

संरचित विश्लेषण पद्धतियों और ग्राफिकल उपकरणों का ऐसा संकलन है जो एनालिस्ट को नए प्रकार की सिस्टम इस स्पेसिफिकेशंस को नियमित करने की अनुमति देते हैं यह इस फैंसी फ्रिक्शन यूजर के लिए सरलता से समझे जाने लायक होते हैं।

एनालिस्ट अपने स्वयं के संसाधनों से इन पर प्रारंभिक कार्य करते हैं इनमें से अधिकांश में टूल्स नहीं होते हैं परंपरागत विधि लागत लाभ ही और संभाव्यता विश्लेषण प्रोजेक्ट प्रबंधन हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर चयन तथा कर्मचारी संबंधी विचारों पर केंद्रित होती है किंतु संरक्षित है विश्लेषण में नए लक्षणों और विश्लेषण के लिए संरक्षित उपकरणों को ध्यान में रखा जाता है।

नए लक्ष्य निम्न को निरूपित करते हैं।

  • यूजर के साथ बेहतर संबंध में सहायता करने के लिए जहां संभव हो ग्राफिक्स का उपयोग करता है।
  • तार्किक और बहुत एक सिस्टम के मध्य अंतर करता है।
  • कार्यांन्वयन के पूर्व यूजर को सिस्टम की प्रॉपर्टीज और अंतर संबंधों की अच्छी समझ के लिए लॉजिकल सिस्टम मॉडल की रचना करता है।

संरक्षित उपकरणों का उद्देश्य डाटा फ्लो डायग्राम डाटा डिशनरी संरक्षित अंग्रेजी डिसीजन ट्री और डिसीजन ट्यूबलेस है इनका लक्ष्य एक नया दस्तावेज़ भेजना विकसित करना है जैसे- सिस्टम एक्सपेंसिफिकेशन कहते हैं या दस्तावेज हमें डिजाइन और कार्यान्वयन के लिए आधार प्रदान करता है।

संरक्षित विश्लेषण पहले से ही कार्यरत मन चलित या स्वचालित सिस्टम के विश्लेषण की विकासात्मक विधि है इससे नए यह संशोधित सिस्टम के लिए स्पेंसिफिकेशन अर्थात डिजाइन का विकास किया जाता है संरक्षित विश्लेषण एनालिसिस को सिस्टम के बारे में नियंत्रित और तार्किक पद्धति से जानकारी प्राप्त करने की अनुमति देता है।

संरक्षित विश्लेषण का उद्देश्य उसे वर्तमान सिस्टम को पूरी तरह समझना है जिसमें से आवश्यकताओं को पता करना है संरक्षित विश्लेषण का उद्देश्य विशेष रूप से यह परिभाषित करना है कि सिस्टम की आवश्यकता है क्या है।

 

स्ट्रक्चर्ड एनालिसिस के विभिन्न टूल्स 

स्ट्रक्चर्ड एनालिसिस के विभिन्न टूल्स निम्नलिखित है-

  1. डाटा फ्लो डायग्राम
  2. डाटा डिशनरी
  3. संरचनात्मक अंग्रेजी निर्णय सारणी
  4. निर्णात्मक सारणी
  5. डिसीजन ट्री

 

1. डाटा फ्लो डायग्राम (DFD)

डाटा फ्लो डायग्राम (DFD) का मुख्य उद्देश्य प्रणाली की आवश्यकता को स्पष्ट और रूपांतरण को पहचानना है लेरी कांस्टेबल ने पहले डाटा फ्लो डायग्राम प्रणाली की आवश्यकता को ग्राफिकल आकार में बनाने के लिए बनाया जिसे माड्यूलर डिजाइन कहा गया डाटा फ्लो डायग्राम में बबल्स का एक समूह होता है जो रेखा द्वारा जुड़ा होता है बबल डाटा के रूपांतरण को तथा रेखाएं सिस्टम में डाटा फ्लो को प्रदर्शित करती है।

डाटा फ्लो डायग्राम में निम्न चार चिन्ह होते हैं

  1. वर्ग
  2. एरो
  3. व्रत या बबल
  4. खुला हुआ आयत

 

1. वर्ग – प्रणाली डाटा के मुख्य कार्य लक्ष्य को प्रदर्शित करता है।

2. एरो – एरो डाटा के प्रवाह को प्रदर्शित करता है यह एक पाइप लाइन की तरह कर करता है।

3. व्रत या बबल – व्रत प्रणाली की पूर्ण प्रक्रिया को दर्शाता है व्रत के द्वारा डाटा इनकमिंग को आउटगोइंग डाटा फ्लो में रूपांतरित किया जाता है व्रत प्रणाली की प्रक्रिया का मार्गदर्शन होता है।

4. खुला हुआ आयत – यह डाटा को एकत्र करने का समूह होता है जिसमें डाटा स्टोर करते है।

 

2. डाटा डिशनरी

डाटा डिशनरी शब्दकोष डाटा का एक संरचनात्मक संग्रह होता है डाटा शब्दकोश में डाटा फ्लोचार्ट (data flow chart) में प्रयोग किए गए समस्त डाटा तत्व और डाटा संरचनात्मक की पूर्ण परिभाषाओं का समूह होता है डाटा शब्दकोश में बहुत अधिक लाभ है यह सभी तत्वों क्रियाविधि आदि को परिभाषित करना तथा उपयोगी और एनालिसिस के बीच कम्युनिकेसन को बढ़ाती है।

 

3. संरचनात्मक अंग्रेजी निर्णय सारणी

संरचनात्मक अंग्रेजी प्रणाली मुख्य रूप से संरचनात्मक प्रोग्रामिंग की तरह होती है इसमें निर्देशों को प्रदर्शित करने के लिए लॉजिकल कंट्रक्शन (Logical contration) और अति आवश्यक वाक्य का प्रयोग होता है यहां लॉजिक दो को निर्देशों के समूह के रूप में प्रदर्शित नहीं करते हैं यह निर्णय सारणी बहुत उपयोगी होती है निर्णय सारी समस्याओं को परिभाषित करने के लिए किए जाने वाले निर्णय के बीच संबंध है।

 

4. निर्णात्मक सारणी

यदि प्रक्रिया जटिल हो या कई स्थितियात्मक या स्थिति विषयक कंडीशनल निर्णय लेने हो तब डिसीजन टेबल का उपयोग किया जाता है डिसीजन टेबल में कंप्यूटर प्रक्रिया के दौरान आने वाली सभी स्थितियों क्रियाओं को व्यक्त किया जाता है।

डिसीजन टेबल को निम्न में चार भागों में विभाजित किया जा सकता है –

  • Condition Stub
  • Condition Entry
  • Action Stub
  • Action Entry

 

  • Condition Stub

यह डिसीजन टेबल में सबसे ऊपर बाएं कोने में स्थित होता है इसमें उन सभी स्थितियों की सूची होती है जिन्हें कंप्यूटर प्रक्रिया के दौरान उसमें शामिल करना है।

  • Condition Entry

यह डिसीजन टेबल में ऊपर दाएं कोने में कंडीशन स्टॉप के सामने स्थित होता है इसमें स्थितियों की संतुष्टि या संतुष्टि का स्वरूप अंकित किया जाता है।

  • Action Stub

यह डिसीजन टेबल में नीचे बाएं तरफ कंडीशन स्टेप के ठीक नीचे स्थित होती है इसमें उन सभी क्रियो की सूची होती है जो कि कंप्यूटर प्रक्रिया के दौरान आवश्यकता पड़ने पर की जा सकती है।

  • Action Entry

यह डिसीजन टेबल में नीचे दाएं तरफ कंडीशन एंट्री के नीचे होता है।

 

5. डिसीजन ट्री

डिसीजन ट्री एक ग्राफिकल तकनीक है जो की कंडीशन और क्रिया को एक के बाद एक क्रमानुसार प्रस्तुत करती है डिसीजन ट्री के द्वारा हमें यह भी ज्ञात होता है कि कौन सी कंडीशन पहले ध्यान में लानी है तथा कौन सी बाद में।

यह कंडीशन तथा उसके एक्शन के बीच संबंध का भी बोध कराती है डिसीजन ट्री का प्रारूप एक पेड़ के समान होता है जिसमें उसकी शाखाएं कंडीशन तथा क्रिया को दर्शाते हैं पेड़ की जड़ रूट डिसीजन स्कीम का शुरुआती बिंदु होता है।

डिसीजन ट्री रूट से शुरू होकर विभिन्न नोदेश और सब नोटिस में विभक्त हो जाता है पेड़ का आकार कंडीशन और क्रिया की संख्या पर निर्भर करता है

प्रत्येक कंडीशन 2 तरह की होती है –  T/Y (true/yes) और F/N (False/No)

उदाहरण – एक डिसीजन ट्री का निर्माण कीजिए उसे पॉलिसी के लिए जिसके तहत एक कंपनी अपने ग्राहकों को डिस्काउंट दिए गए तत्वों के अनुसार देती है

  1. यदि ट्रांजैक्शन क्रेडिट पर है तथा कस्टमर का रिकॉर्ड अच्छा है तब उसका आर्डर स्पीकर कर लिया जाए परंतु उसे डिस्काउंट नहीं दिया जाए यदि कस्टमर का क्रेडिट रिकॉर्ड अच्छा नहीं है तो उसका आर्डर स्वीकार नहीं किया जाएगा।
  2. यदि ट्रांजैक्शन Cash पर है तथा बिक्री का Amount 100 से अधिक है तब 20% का डिस्काउंट दिया जाए।
  3. यदि ट्रांजैक्शन Cash पर है तथा बिक्री का Amount 50 से कम है तब कोई भी डिस्काउंट नहीं दिया जाए परंतु ऑर्डर स्वीकार कर लिया जाए।

 

FAQ

1. संरचित विश्लेषण क्या करता है?

संरचित विश्लेषण पद्धतियों और ग्राफिकल उपकरणों का ऐसा संकलन है जो एनालिस्ट को नए प्रकार की सिस्टम इस स्पेसिफिकेशंस को नियमित करने की अनुमति देते हैं यह इस फैंसी फ्रिक्शन यूजर के लिए सरलता से समझे जाने लायक होते हैं|

2. यदि ट्रांजैक्शन Cash पर है तथा बिक्री का Amount 50 से कम है तो –

यदि ट्रांजैक्शन Cash पर है तथा बिक्री का Amount 50 से कम है तब कोई भी डिस्काउंट नहीं दिया जाए परंतु ऑर्डर स्वीकार कर लिया जाए।

3. यदि ट्रांजैक्शन Cash पर है तथा बिक्री का Amount 100 से अधिक है तो –

यदि ट्रांजैक्शन Cash पर है तथा बिक्री का Amount 100 से अधिक है तब 20% का डिस्काउंट दिया जाए।

4. एनालिस्ट अपने स्वयं के संसाधनों से इन पर प्रारंभिक कार्य करते हैं क्योकि –

एनालिस्ट अपने स्वयं के संसाधनों से इन पर प्रारंभिक कार्य करते हैं इनमें से अधिकांश में टूल्स नहीं होते हैं परंपरागत विधि लागत लाभ ही और संभाव्यता विश्लेषण प्रोजेक्ट प्रबंधन हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर चयन तथा कर्मचारी संबंधी विचारों पर केंद्रित होती है।

 

Conclusion (निष्कर्ष)

तो दोस्तों आपको  इस पोस्ट स्ट्रक्चर्ड एनालिसिस (Structured Analysis) क्या है? इसके विभिन्न टूल्स क्या-क्या है1 में आपको स्ट्रक्चर्ड एनालिसिस के बारे मे पूरी तरह बताया है आशा है कि आपको मेरी ये पोस्ट अच्छी लगी होगी और हेल्पफुल रही होगी और आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे।

 

 

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