वाउचर क्या है? यह कितने प्रकार के होते है ।

what is voucher in Hindi – नमस्कार दोस्तों इस पोस्ट में आपको वाउचर क्या है? यह कितने प्रकार के होते है। (what is voucher , 11 type ) के बारे में पूरी जानकारी देंगे किसी कंपनी द्वारा किए जाने वाले लेनदेन को व्यवस्थित रखने के लिए उपयोग किया जाने वाला प्राथमिक डॉक्यूमेंट है। किसी भी के सभी प्रकार के लेखा जोखा लेनदेन हमें पूरी जानकारी को एकत्र के रूप में प्रयोग किया जाने वाला मूल साधन माना जाता है voucher वह होता है जिसमे हम प्रत्येक लेनदेन का एक मूल voucher बनाया जाता है आज आपको इस पोस्ट में voucher के वारे में पूरी जानकारी दी जाएगी। तो चलिए दोस्तों शुरू करते है – 

 

वाउचर क्या है ? (what is voucher in hindi)

what is voucher in Hindi – यह किसी भी फाइनेंशियल प्रणाली में सभी प्रकार के लेन देन की जानकारी की स्टोर के रूप में प्रयोग किया जाने वाला मूलभूत लिखा साधन है अतः यह आवश्यक है कि टैली में प्रत्येक लेनदेन का एक वाउचर बनाया जाए टैली में वाउचर का उपयोग आंकड़ों को enter करने के लिए किया जाता है।

विभिन्न वाउचर में विभिन्न सूचनाओं को प्रविष्ट करना ही प्रविष्ट वाउचर अथवा वाउचर बनाना है इसी के द्वारा रिपोर्ट अकाउंट का विवरण आदि मॉनिटर स्क्रीन पर देखा तथा कागज पर प्रिंट किया जा सकता है किसी भी कंप्यूटराइज फाइनेंशियल अकाउंटिंग प्रणाली की कुंजी है।

 

वाउचर के प्रकार (Type of voucher) 

वाउचर कई प्रकार के होते हैं जो निम्नलिखित हैं-

  1. Contra Voucher
  2. Credit Note
  3. Debit Note
  4. Delivery Note
  5. Indent
  6. Journal
  7. Payment
  8. Purchase
  9. Reciept
  10. Reversing Journal
  11. Sales

आइये दोस्तों अब हम वाउचर के प्रकार को एक एक करके समझते है-

 1. Contra Voucher – यह एक अकाउंटिंग वाउचर है जिसका प्रयोग केवल फंड को एक लेजर अकाउंट से दूसरे लेजर अकाउंट में ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है उदाहरण के लिए बैंक में रुपया जमा करना अथवा बैंक से रुपए निकालने के लिए इस प्रकार की परीक्षा का प्रयोग किया जाता है।

2. Credit Note- यह अकाउंट वाउचर है जिसका प्रयोग किसी पार्टी से आई माल के वापसी के कारण उसकी धनराशि उसे दिए गए कमीशन आदि कर लेन देन जो कि भविष्य में समायोजित किया जाना है के लिए किया जाता है।

3. Debit Note- यह एक एकाउंटिंग वाउचर है किसी पार्टी को माल भेजी गई माल वापसी के कारण हमारी धनराशि, उससे प्राप्त कमीसन आदि आदि का लेनदेन जो की भविष्य में समायोजित किया जाना है, के लिए इस वाउचर का यूज़ किया जाता है।

4. Delivery Note- यह एक इन इन्वेंटी वाउचर है पार्टी को गोदाम से भेजे गए माल की जानकारी जिनका भविष्य में बिल बनाया जाना है के लिए डिलीवरी नोट वाउचर का प्रयोग किया जाता है।

5. Indent-  इंडेंट यह एक इन्वेंटी वाउचर है पार्टी द्वारा माल की मांग, indent वाउचर द्वारा की जाती है।

 6. Journal- यह एक अकाउंटिंग वाउचर है  Cash तथा बैंक के लेनदेन की अतिरिक्त अन्य समस्त प्रकार केलेनदेन  की व्यवस्था के लिए जनरल वाउचर का प्रयोग किया जाता है।

उदाहरण के लिए समायोजन आदि किसी पार्टी को हमारे द्वारा अग्रिम भुगतान किया गया था जिसकी बदले में पार्टी द्वारा की गई माल की सप्लाई में बिलों को जनरल वाउचर के द्वारा समायोजित किया जाता है।

7. Payment-  पेमेंट यह एक अकाउंटिंग वाउचर है नगद अथवा बैंक के माध्यम से किए गए एक किए गए एक समस्त भुगतानों के लिए पेमेंट vaucher का उपयोग किया जाता है।

8. Purchase-  परचेज यह एक अकाउंटिंग वाउचर है हमारी कंपनी द्वारा गई ऐसी खरीददारी जिसका भुगतान हमें बाद में देना होता है इसके लिए हम परचेज वाउचर का प्रयोग करते हैं या फिर किया जाता है।

9.Reciept-  यह एक अकाउंटिंग वाउचर है नगद अथवा बैंक के माध्यम से प्राप्त समस्त भुगतानों के लिए रिसिप्ट वाउचर का प्रयोग किया जाता है।

10.Reversing Journal-  यह एक अकाउंटिंग वाउचर है ऐसी प्रविष्टया जिनको वित्तीय वर्ष के अंत में शुद्ध किया जाना है के लिए Reversing Journal वाउचर का प्रयोग किया जाता है।

11. Sales-  सेल्स यह एक अकाउंटिंग वाउचर है हमारी कंपनी द्वारा की गई ऐसी बिक्री जिसका भुगतान हमें बाद में प्राप्त होना होता है इसके लिए हम सेल्स वाउचर का प्रयोग किया जाता है जो की बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।

 

टैली में नया वाउचर बनाना –

  • नया वाउचर बनाना वाउचर टाइप के विकल्प के मेन्यू में दिए हुए क्रिएट नामक उप विकल्प से आप एक नए वाउचर के निर्माण की प्रक्रिया को प्रारंभ कर सकते हैं इसके लिए आप कीबोर्ड से Cकी को दबाए ऐसा करते ही वाउचर टाइप क्रिएशन का विकल्प बॉक्स स्क्रीन पर इस तरह से आ जाएगा।
  • यहां पर आप सबसे पहले व्यवसाय का नाम नाम विकल्प विंडो में टाइप करें नाम टाइप करने के बाद जब आप टाइम ऑफ वाउचर नामक विकल्प बॉक्स में आएंगे तो आपको स्क्रीन पर दाये ओर उन सभी वाउचर को सूची  मिलेगी।
  • जो टैली में पहले से निश्चित है आप जिस वाउचर का निर्माण कर रहे हैं उसके लिए मूल परिचय का चुनाव इसी सूची में करना होता है।
  • जैसे यदि आप नए वाउचर का नाम कैश एक्सचेंज वाउचर रख रहे हैं तो आप उसके लिए मूल वाउचर के रूप में इस सूची से पेमेंट नामक विकल्प को चुने टाइप का वाउचर का चुनाव करने के बाद आप मेथड ऑफ वाउचर नंबर एक नामक  विकल्प पर आए।
  • यह विकल्प आपको वाउचर की कम संख्या निर्धारित करने के लिए कुछ विकल्प प्राप्त करता है यहां पर ऑटोमेटिक, मैनुअल और नन  नामक तीन विकल्प हैं।
  • यदि आप ऑटोमेटिक विकल्प को चुनते हैं तो यह वाउचर की क्रम संख्या स्वयं निर्धारित करेगा और इसके लिए केवल आपको पहले नंबर टाइप करना होगा।
  • मैनुअल विकल्प को चुनने से वाउचर नंबर का निर्माण आपको स्वयं करना होगा।
  • यदि आप तीसरे विकल्प नन का चुनाव करते हैं तो वाउचर में क्रम संख्या नामक कोई भी ऑप्शन नहीं होगा।
  • जैसे ऑटोमेटिक विकल्प चुनते ही स्टार्टिंग नंबर नामक एक और विकल्प स्कीम पर इस तरह से दिखाई देगा यहां पर आप वाउचर की क्रम संख्या के लिए वह संख्या टाइप करें जिससे आप वाउचर नंबरिंग शुरू करना चाहते हैं यदि आप यहां पर 100  टाइप करते हैं तो वाउचर नंबर 100 से प्रारंभ होगी।
  • इसी तरह से आप और विकल्प कॉपी अपनी जरूरत के अनुसार निर्माण कर सकते हैं यदि आप चाहते हैं कि सेव होने के बाद वाउचर प्रिंट हो तो इसमें दिए हुई विकल्प प्रिंट आफ्टर सेविंग वाउचर को सेलेक्ट कर ले इसके पश्चात आप वाउचर क्रम संख्या के लिए तारीख का निर्धारण रीस्टार्ट नंबरिंग विकल्प से करें।
  • और प्रीफेक्ट तथा सब फिक्स्ड डिटेल निर्धारित करने के बाद आपके सामने एक्स्ट्रा विकल्प आएगा यहां पर आप Yकी को दबाकर वाउचर के एक नए प्रकार को सेव करें।

 

वाउचर में परिवर्तन (Alter) करना-

  1. यदि आप अपने वाउचर अपने द्वारा बनाए गए हैं या टैली में पूर्व निर्धारित भाव चरणों के पैरामीटर को बदलने के लिए वाउचर टाइप नामक menu में दिए हुए आल्टर नमक विकल्प का प्रयोग करें कीबोर्ड से Aकी को दबाकर आप वाउचर को अल्टर कर सकते हैं।
  2. जैसे कि आप आल्टर विकल्प का प्रयोग करते हैं तो आपके सामने सभी वाउचर की सूची आ जाएगी।
  3. आप जिस वाउचर में परिवर्तन करना (बदलना)चाहते हैं कर्सर को उसे पर ले जाएं और इंटर की को दबा दें इससे वाउचर टाइप अट्रैक्शन मेनू नामक निम्न तरह से आ जाएगा।
  4. यदि आप जिस पैरामीटर को बदलना चाहती है तो उसमें परिवर्तन कर सकते हैं यहां तक की वाउचर का नाम भी अपनी आवश्यकता के अनुसार रख सकते हैं जो वाउचर टैली में पहले से निर्धारित होते हैं।
  5. उसके लिए टाइप ऑफ वाउचर नमक विकल्प को बदला नहीं किया जा सकता है आवश्यक है परिवर्तन करने के बाद जब एक्सेप्ट (Accept) विकल्प ऑप्शन आपके सामने आ जाएगा तो आप Y की दबाकर किए गए बदलाव को सेव कर ले।

 

कुछ वाउचरो की प्रविष्टि को हम यहां विस्तार से समझते हैं –

1. कॉण्ट्रा वाउचर-

कॉण्ट्रा वाउचर बनाने के लिए वाउचर की स्थिति का निर्धारण करने से पश्चात फंक्शन की F4 को दबाने पर वाउचर के विंडो का रंग बदल जाता है। और इसके ऊपरी बाय कोने पर कॉण्ट्रा लिखा प्रदर्शित होने लगता है।

प्रविष्टि उदाहरण के लिए मान लेते हैं कि श्री राम प्रशासन ने अपने ICICI बैंक के अकाउंट में ₹300000 निकाल कर उसमें से ₹100000 को अपने पास रखी और ₹200000 दूसरी बैंक में केनरा बैंक में जमा कर दिए तो इस लेनदेन के लिए कॉण्ट्रा  प्रविष्टि कर सकते हैं।

2. क्रेडिट नोट- 

वाउचर इस वाउचर में पार्टी की डेबिट एवं क्रेडिट नोट अकाउंट को क्रेडिट किया जाता है साथ ही क्रेडिट नोट का क्रमांक भी लिखा जाता है माल वापसी के अमाउंट का भी क्रेडिट नोट बनाया जाता है।

3. डेबिट नोट- 

वाउचर यदि आप डेबिट नोट वाउचर बनाना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले F11 नामक फंक्शन की को दबाकर टैली की इस सुविधा को सक्रिय करना होगा।

इस विकल्प बॉक्स में आप Yes विकल्प को चुनकर इस सुविधा को संक्रिय करें इसके पश्चात Altकी के साथ F9 डेबिट नोट वाउचर एंट्री मोड में आए इस मोड में सबसे पहले आपको रिफ्रेश नंबर टाइप करें और फिर डेबिट और क्रेडिट खातों को रिफंड रकम के साथ है इनपुट करें।

जब यह वाउचर पूरा हो जाए गांव इस वाउचर में पार्टी को क्रेडिट एवं डेबिट नोट अकाउंट को डेबिट किया जाता है साथ ही डेबिट नोट का क्रमांक भी लिखा जाता है।

4. जर्नल वाउचर –

वाउचर क्रिएशन विंडो में फंक्शन की F7 को दबाने पर मॉनिटर स्कीम पर नीचे दिए गए चित्र की भली भांति शो होता है इस प्रदर्शन में हमें यह निर्धारित करना होता है कि यह जनरल वाउचर क्रेडिट नोट, डेबिट नोट अथवा जनरल वाउचर में से किस प्रकार से प्रयोग किया जाना है। इन तीनों वंचित प्रकार को चुनकर Enter को दबाने पर चुने गए वाउचर का प्रारूप प्रदर्शित होता है साथ ही इस बिंदु के रंग में ही परिवर्तन किया जा सकता है।

उदाहरण के लिए मान लेते हैं कि रवि पॉकेट बॉक्स में पारस पेपर को ₹20000 का अग्रिम भुगतान किया था इस अग्रिम भुगतान के विरोध पारस पेपर से इतनी धनराशि का पेपर रवि पॉकेट बॉक्स में खरीद लिया अब इस लेनदेन को प्रविष्टि को भली भाति जनरल वाउचर में समझा जा सकता है।

5. पेमेंट वाउचर- 

वाउचर क्रिएटिंग विंडो में फंक्शन की F5 को दबाने पर मोनिटर स्क्रीन पर पेमेंट वाउचर का प्राइस खुल जाता है इस विंडो में पार्टिकुलर के नीचे उस पार्टी अथवा व्यक्ति का नाम टाइप किया जाता है। जिसे हम भुगतान कर रहे हैं यहां पर हमें निश्चित करना होता है।

6. परचेज वाउचर – 

वाउचर क्रिएटिंग विंडो में फंक्शन की F9 को दबाने पर मॉनिटर स्कीम पर नीचे दिए गए चित्र की भांति होता है साथ ही एक बंधु में रंग में परिवर्तन किया जाता है सेल्स वाउचर के समान ही परचेज वाउचर में भी प्रविष्ठियां की जाती है दोनों बायोकेम में अंतर केवल इतना है कि सेल्स वाउचर में बैंक खाता कैश को डिबेट किया जाता है जबकि परचेज वाउचर में इनको क्रेडिट किया जाता है।

7. रिसिप्ट वाउचर –

वाउचर creation  विंडो में फंक्शन की F6 को दबाने पर मॉनिटर स्क्रीन पर रिसिप्ट वाउचर का प्रारूप प्रदर्शन होता है साथ ही इस विंडो के रंग में परिवर्तन किया जाता है।

उदाहरण के लिए मान लेते हैं श्री राम प्रशासन ने इंडिया बुक हाउस से ₹2400 का भुगतान किसी बैंक के चेक अथवा ड्राफ्ट द्वारा प्राप्त किया और उन्होंने उसे चेक अथवा ड्राफ्ट केनरा बैंक में जमा करवा दिया इस प्राप्ति के लिए रिसिप्ट वाउचर की व्यवस्था की जाती है।

8. रिवर्सिंग जनरल –

इस प्रकार के वाउचर का प्रयोग वित्तीय वर्ष के अंत में किया जाता है यह भी मेमो वाउचर की भांति होती है।

9. सेल वाउचर-

विंडो में फंक्शन की f8 को दबाने पर MONITER स्क्रीन पर इस प्रकार की प्रदर्शन वंचित प्रकार को चुनकर इंटर की को दबाने पर चुने हुए वाउचर का प्रारूप प्रदर्शित होता है किस प्रदर्शन में कर्सर रिफ्रेश के सामने प्रदर्शित होता है यहां पर हमें वाउचर में रिफ्रेश नंबर आदि कोई है तो टाइप करना होता है हमारी कंपनी के जब अनेक ग्राहक होते हैं तो प्रत्येक ग्राहक के लिए विशेष संख्या अथवा क्रमांक और निश्चित कर दिया जाता है।

 

FAQ’S 

1. वाउचर कितने प्रकार के होते हैं?

     वाउचर 11 प्रकार के होते हैं।

2. क्या वाउचर में परिवर्तन बदलाव किया जा सकता है?

    हा, 

3. F4 को दबाने से क्या होता है?

   F4 को दबाने से विंडो का रंग बदल जाता है।

 

Conclusion (निष्कर्ष)

तो दोस्तों  इस पोस्ट में मेने आपको नमस्कार दोस्तों इस पोस्ट में आपको  वाउचर क्या है? यह कितने प्रकार के होते है (what is voucher , 11 type )  के बारे में पूरी जानकारी दी है आशा है कि आपको मेरी ये पोस्ट अच्छी लगी होगी। अगर आप इस पोस्ट से रिलेटेड कुछ जानना चाहते है तो आप मुझे comment करे। और अपने दोस्तों को शेयर जरूर करे।

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