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Sound effects क्या है और प्रकार (what is sound effects type in hindi)

Sound effects in hindi – नमस्कार दोस्तों आपका मेरे ब्लॉग pramodcomputerblog पर बहुत बहुत स्वागत है आज कि यह पोस्ट बहुत ही खास होने वाली है क्योकि आज कि इस पोस्ट में हम साउंड इफेक्ट्स (sound effects) के बारे में विस्तार से जानकारी देने वाले है कम्प्यूटर सॉफ्टवेअर की सहायता से ध्वनि तरंगों की विभिन्न प्रापर्टी मे बदलाव किया जा सकता है। ध्वनि तंरगो की विभिन्न प्रापर्टी जैसे- frequency, Amplitude, channel आदि में परिवर्तन किया जा सकता है, जिससे विभिन्न ध्वनि प्रभाव उत्पन्न किये जा सकते है। तो दोस्तों आप इस पोस्ट को लास्ट तक जरूर पढ़े तो चलिए शुरू करते है –

Sound Effects क्या होते है ? (what is sound effects)

sound effects in hindi – sound effects वह sound होता है जो किसी भी विडियो, ऑडियो या किसी भी प्रकार song में एक अलग प्रकार का sound add कर दिया जाता है जिससे उसको देखने या सुनने वाले को बहुत ही अच्छा लगता है चाहे वह किसी भी प्रकार का sound effects क्यौ न हो, वर्तमान समय में sound effects के बहुत सारे कंप्यूटर, मोबाइल app भी मिल जाते है जिससे लोग अपने काम में उपयोग कर लेते है।

मल्टीमीडिया के प्रोजेक्ट मे ध्वनि प्रभावों का प्रयोग बहुत उपयोगी है। बडे मल्टीमीडिया प्रोजेक्ट के लिए कुछ विशेष sound mixing हार्डवेयर का भी उपयोग किया जाता है। वर्तमान मे बहुत से साउंड मिक्सर उपलब्ध है। ध्वनि तंरगो को कम्प्यूटर सॉफ्टवेअर और हार्डवेयर की सहायता से बदलाव करने के क्रिया को sound effect कहा जाता है।

(sound) ध्वनि में निम्न परिणामों में बदलाव कर इच्छित प्रभाव दे सकते है।

  1. Modulation effect
  2. Time-Based Effect
  3. Spectral Effect
  4. Dynamic Effect
  5. Filters

 

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Sound Effects के प्रकार Type of Sound effects)

sound effects के प्रकार निम्नलिखित है आइये दोस्तों इस के बारे में विस्तार से जानते है –

Panning

इस sound में ध्वनि संकेतों को एक से अधिक चैनल में वितरित किया जाता है। इस प्रभाव से ऐसा लगता है, कि आवाज एक स्थान से चालु होकर दूसरे स्थान तक जा रहा है। इस प्रभाव मे ध्वनि संकेतो को स्टिरीयो के इच्छित क्षेत्र में रखा जाता है।

उदाहरण के लिए तेज गति से चलती हुए कार के ध्वनि इस प्रभाव में डालते है, तब ध्वनि सामने के स्पीकर में पहले बजता है, फिर बीच स्पीकर में बजता है, तथा अंत में पीछे के स्पीकर से सुनाई देती है। इससे प्रयोगकर्ता को ऐसा लगता है, कि वह कार उसके पास से गुजरी है। इस प्रभाव को लागू करने के लिए विशेष हार्डवेयर और सॉफ्टवेअर डिवाइस उपलब्ध है।

Delay and echo

delay sound में ध्वनि मूल संकेतो को कुछ क्षण के लिए रोक दिया जाता है, तथा फिर release किया जाता है। यह विलंब कुछ ही मिलीसेंकंद का होता है। मल्टीमीडिया प्रोजेक्ट में यह एक महत्वपूर्ण प्रभाव है। इसमे निम्न प्रभाव आते

echo

इस प्रकार के sound में ध्वनि संकेतो को निश्चित अंतराल में बार-बार प्रसारित किया जाता है, जो एक गुंज के समान प्रभाव देती है। इसमें ध्वनि संकेतो का amplitude भी कम या अधिक किया जाता है। इसमें एक से अधिक delay signal मूल संकेतो के साथ जोड देते है। इस प्रभाव मे ध्वनि संकेतो बीच का समय सेट किया जाता है। उदाहरण के लिए चर्च मे घंटी के आवाज को echo दिया है, तब घंटी की आवाज निश्चित अंतराल में बार बार सुनाई देगी, जिसके आवाज का स्तर धीरे-धीरे कम होते जाएगा।

Reverb

जब हम कोई आवाज सुनते है, तब उसमे दो तरह की आवाजें होती है, एक मुख्य आवाज जो सुनाना चाहते है, तथा दूसरी अन्य आवाजे जो आस-पास के वातावरण में प्रसारित होते रहती है। अन्य आवाजें अन्य obstructions से टकराकर उत्पन्न होती है, या कम तिव्रता की होती है, तथा कुछ देर बाद सुनाई देती है। इन अन्य आवाजो के amplitude बढाने का कार्य reverb प्रभाव में किया जाता है। इस प्रभाव में बडी संख्या मे विलम्बित संकेत कुछ सेकंद तक दोहराए जाते है, तो ऐसा प्रतीत होता है कि वा ध्वनि एक बडे कमरे में गूंज रही है।

Chorus

एक समान ध्वनि संकेतो को जोड कर एक साथ प्रसारित करने के प्रभाव chours प्रभाव कहा जाता है। इस प्रभाव में लगभग एक समान ध्वनि संकेत एक ही समय मे उत्पन्न किये जाते है। chours प्रभाव स्वाभाविक रूप से उत्पन्न होता है, तब एक साथ एक समान ध्वनि प्रसारित होती है। इस प्रभाव में ऐसा प्रतीत होता है, एक साथ एक समान ध्वनि तरंगें उत्पन्न हो रही है, जो बहुत कम अंतराल में आ रही है। उदाहरण के हम एक गिटार की ध्वनि लेते है, यदि हम उसमे chorus प्रभाव जोड देते है, तो लगता है, एक साथ एक से अधिक गिटार से आवाज उत्पन्न हो रही है।

Distortion

यह ऑडियो circuit की ओवरलोडिंग से उत्पन्न होती है, जो साधारणतः एक शोर के रूप में सुनाई देता है। उदाहरण के लिए जब हम रेडियो लगाते है, तथा दो चैनल सेट करने के बीच में जिस प्रकार से आवाजें आती है उसे distortion कहते है। यदि इस प्रकार के आवाजे प्रभाव उत्पन्न करना है, तो distortion प्रभाव का प्रयोग किया जाता है। इस प्रभाव मे ध्वनि संकेतो को compress किया जाता है। Compression

इस sound में ध्वनि तंरगो मे उपलब्ध तेज आवाजे एवं सबसे कम तिव्रता वाले आवाजों के बीच के अंतर को कम किया जाता है। जब यह प्रभाव लागू हो जाता है, तब सबसे शांत आवाज कुछ तेज हो जाती है, तथा अधिक उंचे स्तर की आवाज का स्तर धीमा हो जाता है।

Flanger

यह modulation पर आधारित प्रभाव है। इसमे मूल संकेतो को परिवर्तित किया जाता हैं, यह Chorus के समान कार्य करता है। इसमे दो एक समान संकेतो जोडा जाता है। एक संकेतो के दूसरे से 20 मीलीसकेंड से कम विलंब से चलाया जाता है।

Amplitude effect

निम्न sound में ध्वनि तरंगो के amplitude में बदलाव कर, ध्वनि को इच्छित रूप में बनाया जाता हैं इसमें आयाम (Amplitude) को बढाकर या कम कर प्रभाव बनाये जाते है। किसी संकेतो के आयाम कम करने से ध्वनि के आवाज का स्तर कम हो जाता है। निम्न प्रभाव amplitude के आधार पर प्राप्त होते है

Amplify

इस sound में कमजोर संकेतो का amplitude बढाया जाता है, जिससे उनके आवाज का स्तर बढ जाता है। इसी तरह अधिक आवाज स्तर के संकेतो को कम भी किया जा सकता हैं। वर्तमान में बहुत सॉफ्टवेअर उपलब्ध है, जिनके सहायता से हम संकेतो का आयाम बदल सकते है।

Expander

इसका उपयोग ध्वनि संकेतों को सक्रिय सीमा का विस्तार करने के लिए होता है। यह compressor प्रभाव के विपरीत कार्य करता है। यह उंचे स्तर के संकेतो को और उंचा करता है, तथा धीमे स्तर के संकेतो को और धीमा करता है। इस प्रभाव का उपयोग ध्वनि में से noise को कम करने के लिए प्रयोग होता है।

Envelope

इसका उपयोग ध्वनि संकेतो के आयाम को निर्दिष्ट निर्देशांक के अनुसार बदलने के लिए किया जाता है।

Pitch effect

इसमे संकेतो को पिच के कुछ उपर या नीचे शिफ्ट किया जाता है। यह प्रभाव stream के हिस्से पर नही लागया जाता है, अपितु संपूर्ण stream पर लगाया जाता है।

Time Stretch

यह sound pitch effect के विपरीत कार्य करता है। इसमे ध्वनि संकेतो की गति कम या अधिक कि जाती है।

Fade in /Fade out

इस sound में ध्वनि एक निश्चित समय अंतराल मे क्रमशः धीमे से तेज या तेज से धीमा होते जाता है।

Equalization

इस sound में इच्छित Frequency को घटाया या बढाया जाता है। अलग अलग वस्तुओं के टकरानें से अलग अलग frequency की आवाजें उत्पन्न होती है। इच्छित आवाज को बढाने के लिए या अनावश्यक आवाज को कम करने के लिए इस प्रभाव का उपयोग किया जाता हैं। equalizer स्पेक्ट्रम को खंडो में परिवर्तित करता है।

इस sound में हम हल्के आवाज को तिव्रता से प्रसारित कर सकते है। उदाहरण के लिए हमें नदी में पानी के बहाव के आवाज को मुख्य रूप में प्रसारित करना है। या हवा के आवाज को तेज कर प्रसारित करना हैं।

 

FAQ’s 

1. Flanger किस पर आधारित sound है ?

Flanger modulation पर आधारित sound है।

2. Distortion यह किससे से उत्पन्न होती है ?

Distortion यह ऑडियो circuit की ओवरलोडिंग से उत्पन्न होती है।

 

Conclusion (निष्कर्ष) –

तो दोस्तों आपको यह पोस्ट Sound effects क्या होते है और प्रकार (what is sound effects type in hindi) कैसी लगी मुझे आशा है कि आपको मेरी यह पोस्ट आपको बहुत अच्छी और हेल्पफुल लगी हो अगर आपका इस पोस्ट से रिलेटेड कोई भी सवाल है तो कमेंट बॉक्स में comment करे तथा अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे ।

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