टेस्ट प्लानिंग सिस्टम टेस्टिंग का पहला कदम एक ऐसा प्लान बनाना है जो सिस्टम के सारे पहेलियों का परीक्षण कर सके
यूजर स्वीरकर्ता का परीक्षण में एनालिस्ट व यूजर के मध्य टेस्ट की कंडीशनर पर सहमति बनाई जाती है इन कंडीशनर में से कई तो टेस्ट प्लान से ही ली जाए सकते हैं
प्रत्येक प्रोग्राम कोड पर लिए जाते हैं टेस्ट डाटा निर्माता के लिए जाते हैं तथा डाक्यूमेंट्री करते हुए यह सुनिश्चित कर लिया जाता है कि प्रोग्राम के सारे क्षेत्र शुद्धता पूर्वक है टेस्ट कर लिया जाए।
यह गतिविधि सिस्टम में उत्पन्न होने वाली प्रत्येक कंडीशन हुआ ट्रांजैक्शन को टेस्ट करने के लिए आवश्यक डाटा के निर्माण से संबंधित है
सिस्टम के परीक्षण तथा परिवर्तन हेतु यूजर को तैयार करने के लिए यूजर को ट्रेनिंग दी जाती है प्रोग्रामिंग के साथ ही साथ यूजर की भागीदारी तथा प्रशिक्षण भी समानांतर रूप से चलता है
टेस्टिंग के लिए सारी प्रोग्राम को कंपाइल तथा असेंबल करना पड़ता है इसके पहले संपूर्ण प्रोग्राम विवरण उपलब्ध रखे जाते हैं
इसमें सिस्टम को चलाने के लिए कर्मचारियों द्वारा प्रयुक्त की जाने वाली सामग्री निरूपित तथा शेड्यूल की जाती है
इसमें प्रोग्राम कोड CRT टर्मिनल से जुड़े इनपुट कोड की सूची और डिस्क ड्राइव लोड करने के लिए पोस्ट किया गया इंस्ट्रक्शन शेड्यूल का डिस्प्ले शामिल होता है
टेस्ट प्लान चरण के दौरान सारे कार्य से डॉक्यूमेंट को अंतिम रूप दे दिया जाता है इसमें कैंडिडेट सिस्टम के लिए आवश्यक कार्यकारी फॉर्मेट के प्रशन भी शामिल होती हैं