बैंक समाधान विवरण

आधुनिक युग में प्रत्येक व्यापारी बैंक में चालू खाता खोलना है और सभी व्यापारिक लेन देन को बैंक के द्वारा ही करता है इसके लिए व्यापारी के पास तीन खाने वाले रोकड़ वही होती है

और बैंक उसका लेखा उसकी पासबुक में करती रहती है इस प्रकार रोकड़ पुस्तक व पासबुक के बाकियों का मिलान करने के लिए जो विवरण पत्र बनाया जाता है। उसे बैंक समाधान विवरण कहते हैं।

कारण

जब व्यापारी किसी व्यक्ति को कोई चेक काट कर देता है तो उनकी रोकड़ वही की बाकी कम हो जाती है लेकिन यदि यह चेक बुक में बनाया नहीं गया है

जब व्यापारी को अन्य व्यक्तियों के चेक प्राप्त हो जाते हैं तो वह उन्हें बैंक में वसूल करने के लिए भेज देता है जिससे रोकड़ पुस्तक में बैंक शेष राशि अधिक हो जाता है

कभी-कभी ग्राहक व्यापारियों के खाते में है रकम सीधी जमा कह देता है जिसकी जानकारी व्यापारी को बाद में होती है इससे बैंक में पासबुक की बाकी अधिक राशि हो जाती है

बैंक अपने खाता धारी को जमा धन पर ब्याज भी देता है जो की बैंक द्वारा खाते में जमा कर दिया जाता है इस कारण जोकर पुस्तक वी पासबुक के शिष्यों में भी अंतर हो जाता है

बैंक अपने द्वारा दी गई सेवाओं के बदले कभी-कभी शुल्क भी लेता है जो के व्यापारियों के खाते से काट लिया जाता है अतः दोनों बाकियों में अंतर हो जाता है।

जब हम किसी वाउचर में बैंक डेट को सेट कर देते हैं तो Reconliation स्क्रीन पर दिखाई देना लगता है जब तक यह समाप्त हो जाता है तभी Ctrl+A  की को दवा देते हैं जिससे यह स्क्रीन Accept हो जाती है।

ब्याज की गणना के लिए सबसे पहले हमें कंपनी के लिए एक इस फीचर को एक्टिवेट करना पड़ता है और फिर इसे उन लेजर खातों के लिए एक्टिवेट करते हैं

एक नया डेबिट नोट बनाते हैं जो Compound Interest इंटरेस्ट के लिए होता है इसके लिए Amount to be Treated as Compound Interest को Yes सेट करते हैं