सिस्टम विकास चक्र

विकास का प्रोसेस (The process of development) और सिस्टम का प्रयोग करने के लिए मुख्य बिंदुओं के समूह का अनुसरण किया जाता है

सिस्टम विकास चक्र विकास का प्रोसेस और सिस्टम का प्रयोग करने के लिए मुख्य बिंदुओं के समूह का अनुसरण किया जाता है सिस्टम डेवलपमेंट बर्थ-टू-मेच्योर प्रक्रिया है|

फीजिबिलिटी स्टडी

फीजिबिलिटी स्टडी के अंतर्गत एग्जीक्यूटिव सिस्टम में थोड़ा सुधार करना या पूरी तरह से नई सिस्टम का विकास करना आता है|

फीजिबिलिटी स्टडी

– फीजिबिलिटी स्टडी यह सुनिश्चित करने के लिए की जाती है| – इसमें प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाना है या प्रोजेक्ट को पोस्टपोन या कैंसिल करना है।

सिस्टम विश्लेषण सिस्टम विकास जीवन चक्र का अत्यंत महत्वपूर्ण चरण है| ये माध्यम प्रश्नावली, साक्षात्कार, बातचीत तत्काल उपलब्ध डाटा आदि में प्रयोग होते हैं।

सिस्टम डिजाइन

यह चरण सिस्टम विकास जीवन चक्र का सबसे अधिक चुनौती पूर्ण होता है| – एनालिस्ट को फाइल स्ट्रक्चर स्टोरेज डिवाइसेज इत्यादि को निश्चित करना चाहिए।

सिस्टम इंप्लीमेंटेशन तथा इवोल्यूशन

– इस चरण में यूजर सिस्टम का प्रयोग करना शुरू कर देता है इस चरण में सिस्टम को प्रयोग करने वाले यूजरों को ट्रेनिंग देना और डॉक्यूमेंट रेफर करना है|

सॉफ्टवेयर का विकास

– सामान्यतः सिस्टम एनालिसिस प्रोग्राम स्वयं तैयार नहीं करता है सिस्टम एनालिस्ट स्वयं में भी प्रोग्राम को लिखने का कार्य करता है|

सिस्टम परीक्षण

सिस्टम की प्लानिंग और सिस्टम सफलता के लिए नियंत्रण किसी सिस्टम की सफलता के लिए एनालिस्ट क्या कर सकता है।

सिस्टम विकास चक्र के विभिन्न चरण ( 8 Phases) कौन कौन से हैं हिंदी।

सिस्टम डेवलपमेंट बर्थ-टू-मेच्योर प्रक्रिया है|