प्रणाली विश्लेषक की भूमिका

किसी कंप्यूटर प्रणाली की आवश्यकता तथा व्यवहारिक अध्ययन करना व उसे लागू करना प्रणाली  विश्लेषक के प्रमुख कार्य हैं।

प्रणाली विश्लेषक का कार्य कंप्यूटर युक्त प्रणाली बनाना होता है जिससे संस्था को आने वाले समय में एक बेहतर प्रणाली प्राप्त हो सके अतः उसमें उसे कंप्यूटर तकनीक का बेहतर ज्ञान होना चाहिए।

सामान्य सूझबूझ (Inter Personal Skill)

संचार (Communication)

प्रणाली विश्लेषक में उस प्रणाली विश्लेषक के उपयोगकर्ताओ से उनकी भाषा में संपर्क साधनों की योग्यता होनी चाहिए।

समझना (Understanding)

संपूर्ण प्रक्रिया को समझना, संस्था का उद्देश्य प्रणाली का उद्देश्य, संस्था के लिए प्रणाली के भूमिका समझना, उसमें उत्पन्न समस्याओं व उनके निदान खोजना,

प्रशिक्षण (Training)

संस्था के कर्मचारियों को नई प्रणाली का उपयोग के लिए समस्त प्रकार के प्रशिक्षण जिसमें कंप्यूटर प्रशिक्षण भी शामिल है, प्रदान करने की क्षमता प्रणाली विश्लेषक में होना आवश्यक है

नई खोजें (Innovation)

प्रणाली विश्लेषक में नई आईडिया देना तथा नई खोजना द्वारा प्रणाली की समस्याओं को सुलझाने की भी क्षमता होनी चाहिए।

तकनीकी कौशल (Technical Skill)

नवनिर्माण

प्रणाली विश्लेषक में संस्था में सोचे गई अथवा उपयोगकर्ता द्वारा सूची गई कार्य को क्रियान्वित करने की क्षमता होनी चाहिए नवनिर्माण की क्षमता होनी चाहिए।

परियोजना प्रबंधक

विकसित की जा रही प्रणाली की सभी आवश्यकताओं की पूर्ति करना संपूर्ण प्रणाली में सब कुछ सही समय पर हो इसके लिए प्रणाली विश्लेषक में एक कुशल परियोजना प्रबंधक के गुण होने चाहिए।

प्रश्न कारक व जॉच प्रकृति

एक प्रणाली विश्लेषक की सबसे बड़ी क्षमता सही समय पर सही प्रश्न सोचने की, उसके लिए आवश्यक सूचना एकत्रित करके जांच प्रक्रिया द्वारा प्रश्न के उत्तर तक पहुंचना की होती है।

कंप्यूटर ज्ञान

प्रणाली विश्लेषक को कंप्यूटर से संबंधित लगभग सभी विधाओं का मूल्य ज्ञान होना चाहिए वैसे तो किसी भी प्रणाली विश्लेषक में सामान्य सूझबूझ तथा तकनीकी कौशल गुण प्रचुर मात्रा में होना चाहिए