लिनक्स मल्टी प्रोग्रामिंग,
मल्टी यूजर, मल्टीटास्किंग
ऑपरेटिंग सिस्टम है
लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम (Unix) यूनिक्स का ही GUI version है|
जिस प्रकार विंडोज, डॉक्स का GUI version है वैसे तो यूनिक्स (Unix) का Original GUI Version एक्स विंडो (X-Windows) है
लिनक्स का प्रचलन वर्जन -
लिनक्स के विभिन्न वर्जन मै से रेड हॉट लिनक्स (Red Hat Linux) 7.0 सर्वाधिक लोकप्रिय है
लिनक्स का मुख्य भाग –
लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के मुख्य दो भाग करनाल (Kernal) और शैल (Shell) होते हैं|
अलग-अलग सेट -
लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम में प्रत्येक कार्य के लिए अलग-अलग इंटरफेस के अलावा टूल और अनुप्रयोग का सेट होता है।
नुकसान/परेशानी -
– लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम में नया हार्डवेयर जुड़ना इसलिए कठिन होता है क्योंकि हार्डवेयर बनाने वाली कंपनी अपने हार्डवेयर के लिए ही ड्राइवर्स (Drivers) देती है |
लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का विकास
लिनक्स तोरर्बेल्ड्स (Linux Torvalds) सन 1991 में हेल्सिकी ने किया था
कोड नि:शुल्क
तोरर्बेल्ड्स (Torvalds) ने लिनक्स का लाइसेंस का सोस कोड इंटरनेट पर उपलब्ध कराया गया जो की पूर्णता निशुल्क है
जरूरी हार्डवेयर -
लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए कम से कम 386 Based Processor तथा 64GB रैम होना आवश्यक है
लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है? इसके लाभ और हानि तथा सॉफ्टवेयर क्या है |