अकाउंटिंग

पारिक लेनदेनों को एक सैद्धांतिक रूप देकर नियमानुसार लिपिबद्ध करना ही एकाउंटिंग (Accounting) अथवा लेखांकन अथवा बुक कीपिंग (Book Keeping) कहलाता है|

– अकाउंटिंग आर्थिक व्यवहारों को दर्ज करने तथा वर्गीकृत करके सारांश में प्रस्तुत करने का विज्ञान एवं कला है| – अकाउंटिंग का संबंध केवल मौद्रिक प्रकति के व्यवहारों तक ही सीमित है|

विशेषताएं

1. वित्तीय लेनदेनों की शिनाख़त 2. रिकॉर्डिंग 3. वर्गीकरण 4. अंतिम खाता बनाना 5. मुद्रा रूप में 6. वित्तीय परिणाम

लेखाकर्म की बुनियादी सिद्धांत –

1. व्यापार के अस्तित्व की अवधारणा (सिद्धांत) 2. चालू व्यवसाय की अवधारणा (सिद्धांत) 3. प्रमाणीकरण या सत्यापन संबंधी अवधारणा (सिद्धांत)

लेखाकर्म की बुनियादी सिद्धांत –

4. लेखांकन अवधि की अवधारणा (सिद्धांत) 5. मुद्रा माप की अवधारणा (सिद्धांत) 6. उपार्जन अवधारणा (सिद्धांत)

एकाउंटिंग के बेसिक सिद्धांत –

1. रेवेन्यू रेजोल्यूशन का सिद्धांत 2. एक्स्पेंसेस का सिद्धांत ( principal of Expenses )

एकाउंटिंग के बेसिक सिद्धांत –

3. लागत तथा आयाम के मिलन का सिद्धांत 4. पूर्ण प्रकटीकरण का सिद्धांत 5. दिपक्ष सिद्धांत

पूर्ण प्रकटीकरण का सिद्धांत

इस सिद्धांत का मुख्य उद्देश्य है कि लेखपाल सभी सूचनाओं ईमानदारी से लेखांकन में प्रकट करते हैं|

पूर्ण प्रकटीकरण का सिद्धांत

इस सिद्धांत का मुख्य उद्देश्य है कि लेखपाल सभी सूचनाओं ईमानदारी से लेखांकन में प्रकट करते हैं|

दिपक्ष सिद्धांत

इस प्रणाली में हम एक पक्ष को क्रेडिट व दुसरे पक्ष को क्रेडिट किया जाता है, इसी कारण खाते में बैलेंस शीट में दोनों पक्षों को जोड़ समान होता है|