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सीम्म, डीम्म क्या हैं ? (What is SIMM, DIMM)

नमस्कार दोस्तों आपका मेरे ब्लॉग pramodcomputerblog पर बहुत बहुत स्वागत है आज कि पोस्ट बहुत ही खास होने वाली है क्योकि आज हम आपको इस पोस्ट में सीम्म और डिम्म के बारे में विस्तार से जानकारी देने वाले है यहाँ पर जानते है सिम्म जो होता है वो एक प्रकार का मेमोरी module होता है जो personal computer में RAM के लिए प्रयोग में लाया जाता है और डिम्म का मतलब वह होता है कि (Dual In-line Memory Module) होता है। तो चलिए दोस्तों शुरू करते है –

सीम्म क्या हैं ? (What is SIMM)

SIMM IN HINDI – सीम्म (SIMM) को सिन्गल इन-लाइन मेमोरी मॉड्यूल (Single In-line Memory Module) माना जाता है। यह एक प्रकार का Memory मॉडयूल है जिसे पर्सनल कम्प्यूटरों में Randam Axes Memory के लिए प्रयोग किया जाता है। अधिकतर पुराने पर्सनल कम्प्यूटरों के मदरबोर्ड जैसे-8088 आधारित पी.सी. तथा एक्स.टी. में सॉकेट युक्त (socketed) डी.आई.पी. चिप (DIP chips) का प्रयोग होता था।

  • 80286 आधारित कम्प्यूटर के आने के बाद जिसमें अधिक मेमोरी का प्रयोग हो सकता था, मेमोरी मॉडयूल को मदरबोर्ड पर जगह बचाने तथा मेमोरी विस्तार को आसान बनाने के उद्देश्य से विकसित किया गया ।
  • 8 या 9 सिंगल डीरैम डीप चिप्स (Single DRAM DIP chips) को प्लग करने कि जगह एक अलग memory मॉडयूल ही कम्प्यूटर की मेमोरी को बढ़ाने के लिए काफी था। कुछ 80286 आधारित कम्प्यूटरों में (अक्सर नॉन-स्टैण्डर्ड) सीप्प अर्थात् सिंगल इनलाइन पिन पैकेज (Single In-line Pin Package) जैसे मेमोरी मॉडयूल का प्रयोग होता था।
  • 30 पिन वाला सीप्प (SIPP) प्रायः इन्स्टॉलेशन के दौरान मुड़ जाता या टूट जाता था अतः उन्हें तत्काल सीम्म (SIMM) के द्वारा बदला गया जिसमें पिन के स्थान पर प्लेट्स (plates) का प्रयोग होता था।
  • सबसे पहला SIMM 1980 के मध्य में PS/2 पर नजर आया था जिसे स्किप कॉपोला (Skip Coppola) ने प्रस्तावित किया था जो उस समय आई.बी.एम. में थे। इसके कारण उस समय की कई समस्याओं का समाधान हुआ।
  • उदाहरणस्वरूप मदरबोर्ड पर सीम्म कम जगह लेते थे। सीम्मस् (SIMMs) के पहले प्रकार में बीस पिनें होती थीं तथा 8 बिट डाटा (पैरिटी वर्जन्स में 9 बिट्स) प्रदान करते थे। अतः सिस्टम जिसमें 30 पिन सीम्म की आवश्यकता होती थी को 4 के सेटों में इन्स्टॉल (install) करना होता था।
  • सीम्मस (SIMMs) के दूसरे प्रकार में 72 पिनें होती थीं तथा 32 बिट डाटा (पैरिटी वर्जन्स में 36 बिट) प्रदान करते थे। 1997 के करीब, 72 पिन सीम्म ने 30 पिन सीम्म को प्रतिस्थापित कर दिया।
  • मेमोरी मॉडयूल तथा कुछ प्रोसेसर्स के अलग-अलग डाटा बस की चौड़ाई के कारण कभी-कभी कई मॉडयूल को मेमोरी बैंक (memory bank) को भरने हेतु समान जोड़ों या चार के समान जोड़ों में इन्स्टॉल (install) किया जाता है। उदाहरणार्थ, 80386 या 80486 सिस्टम्स (32 बिट चौड़ाई वाले डाटा बस) में या तो 30-पिन के सीम्म अथवा 72-पिन के सीम्म की आवश्यकता होती है।
  • पहले के सीम्म सॉकेट पारम्परिक पुश-टाइप (push-type) सॉकेट होते थे। इनको जल्दी ही ज़िफ (ZIF) अर्थात् जीरो इंसर्शन फोर्स (Zero Insertion Force) सॉकेटों (sockets) ने प्रतिस्थापित कर दिया जिसमें सीम्म को प्रविष्ट कर तब तक घुमाया जाता जब तक कि यह अपनी जगह पर पूरी तरह फिट नहीं हो जाता।
  • सीम्म को इन्स्टॉल करने के लिए मॉड्यूल को सॉकेट में एक कोण पर स्थित किया जाता है तथा उसे उसी स्थिति में घुमाया जाता है। उसे हटाने के लिए दो घातु अथवा प्लास्टिक के क्लिपों (clips) को प्रत्येक छोर पर उसी ओर खींचा जाता है। फिर सीम्म को पीछे झुकाकर बाहर निकाला जाता है। पहले के सॉकेटों में प्लास्टिक रिटेनर क्लिप (retainer clips) का प्रयोग होता था जो अक्सर टूट जाता था। अतः स्टील के क्लिप प्रयोग में आने लगे।
  • 30 पिन सीम्म के 256 किलोबाइट, 1 मेगाबाइट, 4 मेगाबाइट, 16 मेगाबाइट मानक आकार (standard size) उपलब्ध हैं वहीं 72 पिन के साथ सीम्म 1, 2, 4, 16, 32, 64, 1280 मेगाबाइट में उपलब्ध हैं।
  • डीम्म (DIMM) आकार (standard size) उपलब्ध है

 

 डीम्म क्या है ? (What is DIMM)

DIMM IN HINDI – डीम्म (DIMM) का पूर्ण रूप ड्युWhat is SIMM, DIMMWhat is SIMM, DIMMअल इनलाइन मेमोरी मॉड्यूल (Dual In-line Memory Module) होता है। इसमें रैण्डम एक्सेस मेमोरी इंटिग्रेटिड सर्किट की एक श्रृंखला (series) शामिल होती है। ये मॉड्‌यूल (modules) एक सर्किट बोर्ड पर छपे हुए होते हैं तथा पर्सनल कम्प्यूटरों में उपयोग के लिए डिजायन किये जाते हैं।

सीम्म तथा डीम्म में अंतर क्या है? 

  1. सीम्म तथा डीम्म में मुख्य अंतर यह है कि सीम्म में 32-बिट डाटा पाथ (data path) होते हैं जबकि डीम्म में 64-बिट का डाटा पाथ (data path) होते हैं। चूँकि इण्टेल पेण्टियम में 64 बिट की चौड़ाई होती है, इसमें उन्हें प्रयोग करने के लिए इस सीम्म को एक समान जोड़ों में इन्स्टॉल करने की आवश्यकता होती थी। प्रोसेसर फिर दो SIMMs को साथ-साथ एक्सेस करते हैं। डीम्म का परिचय इसी कमजोरी को समाप्त करने के लिए हुआ था।
  2. दूसरा अन्तर यह है कि डीम्म में मॉडयूल के प्रत्येक छोर पर अलग-अलग विद्युतीय सम्पर्क (electrical contacts) होते हैं जबकि सीम्म (SIMMs) पर कॉन्टैक्ट्स (contacts) दोनों ओर अनावश्यक (redundant) होते हैं।

 

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FAQ’S

1. सबसे पहला SIMM कब नजर आया था ?

सबसे पहला SIMM 1980 के मध्य में PS/2 पर नजर आया था।

2. 30 पिन वाला सीप्प (SIPP) को क्या हो जाता था ?

30 पिन वाला सीप्प (SIPP) प्रायः इन्स्टॉलेशन के दौरान मुड़ जाता या टूट जाता था।

 

Conclusion (निष्कर्ष) –

तो दोस्तों आपको मेरी यह पोस्ट सीम्म, डीम्म क्या हैं ? (What is SIMM, DIMM) कैसी लगी मुझे आशा है कि आपको यह पोस्ट बहुत अच्छी लगी होगी अगर आपका इस पोस्ट से रिलेटेड कोई सवाल है तो comment बॉक्स में comment करके जरूर बताये तथा इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे।

 

 

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