मोड्यूलेशन (modulation) क्या है? Modulation के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।

modulation kya hai – नमस्कार दोस्तों आपका मेरे इस ब्लॉग pramodcomputerblog पर स्वागत है आज हम आपको इस पोस्ट में (मॉड्यूलेशन) modulation क्या है तथा इसका प्रयोग कहा और कैसे किया जाता है तथा इसके प्रकार के बारे में भी आपको विस्तार से जानकारी देने की कोशिश करेगे आप मेरी इस पोस्ट को पूरी पढ़े इस पोस्ट में आपको बतायेगे कि मॉड्यूलेशन किस प्रकार से बदलता रहता है तो चलिए दोस्तों शुरू करते है –

मॉड्यूलेशन क्या है? ( what is Modulation)

modulation kya hai – वह तकनीक जिसके द्वारा डिजिटल सिग्नल को उसके समकक्ष ऐनालॉग रूप में रूपांतरित परिवर्तित किया जाता है, यह मॉड्यूलेशन (Modulation) कहलाती है। मॉड्यूलेशन (Modulation) का प्रयोग डिजिटल डाटा को एनालॉग (Analog) तरंगों पर सुपरइंम्पोस (Superimpose) कराने के लिए किया जाता है। इसमें Carrier Waves का amplitude या frequency या face, signal की तीव्रता की जरूरत से बदलता रहता है।

मॉड्यूलेशन (Modulation) के प्रकार –

  1.  एम्प्लीट्यूड मॉड्यूलेशन (Amplitude modulation) (AM),
  2.  फ्रिक्वेंसी मॉड्यूलेशन (Frequency modulation) (FM),
  3.  फेज मोड्यूलेशन (Phase modulation) (PM)

 

(i) एम्प्लीट्यूड मोड्यूलेशन (Amplitude Modulation) –

modulation – इस विधि में डिजिटल डाटा को दो बाइनरी मानों (0,1) को कैरीज (carries) सिग्नल के दो अलग-अलग एम्प्लीट्यूड (amplitudes) के द्वारा दिखाया जाता है, तथा frequency व phase को स्थिर रखा जाता है। अतः उच्च वोल्टेज 1 को दर्शाता है, एवं कम वोल्टेज 0 को दर्शाता करता है। इसमें carrier waves का amplitude change होता है। अतः जब अधिक frequency वाली carrier waves का आयाम signal की तीव्रता के अनुसार बदलता है, तो यह amplitude modulation कहलाता है।

 मोड्यूलेशन (modulation) क्या है? Modulation के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।

इसे हम एम्प्लीट्यूड शिफ्ट कीइंग (amplitude shift keying) (ASK) भी कहते हैं।

Amplitude Modulation की सीमायें –

  • (a) Noise Peception
  • (b) Small Operating Range

Amplitude waves में carrier wave का Amplitude change होता है। Practically सभी human तथा natural voice में electical बाधा उत्पन्न होती है।

 

(ii) फ्रिक्वेंशी मोड्यूलेशन (Frequency Modulation) –

डिजिटल डाटा के दो बाइनरी माना (1,0) को दो अलग-अलग फ्रिक्वेंन्सीज (frequencies) से दिखाया जाता है, तथा एम्लीट्यूड (amplitude) व फेज (phase) को स्थिर रखा जाता है। उच्च आवर्ती को 1 से तथा निम्न आवर्ती को 0 से दर्शाया जाता है। अतः जब carrier waves की frequency signal की तीव्रता के अनुसार परिवर्तित होती है तो यह frequency madulation कहलाती है। इसमें carrier waves की केवल frequency change होती है। किसी signal की frequency को no. of cyele per second के रूप में व्यक्त करते हैं। इसे हम फ्रिक्वेंसी शिफ्ट कीइंग (Frequency shift keying) (ASK) भी कहते हैं।

 मोड्यूलेशन (modulation) क्या है? Modulation के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।

Frequency modulation के निम्न Advantages हैं —

  • (a) यह noise less output देता है।
  • (b) इसकी operating range बहुत अधिक होती है।
  • (c) यह high frequency output देता है।

 

(iii) फेज मोड्यूलेशन (Phase Modulation) –

डिजिटल डाटा को दो बाइनरी मानों को कैरीज (carries) सिग्नल में फेज शिफ्ट (phase shift) के द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। तरंग में ट्रांजिशन (transition) की उपस्थिति अथवा अनुपस्थिति डाटा को इनकोड (encode) करने हेतु प्रयुक्त होती है। ट्रांजिशन (transition) की उपस्थिति से (180 phase shift) एवं 0 को Tansition की अनुपस्थिति से (no phase shift) प्रदर्शित किया जाता है।

 मोड्यूलेशन (modulation) क्या है? Modulation के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।

FAQ’S

1. किस विधि में डिजिटल डाटा को दो बाइनरी मानों (0,1) को कैरीज (carries) सिग्नल के दो अलग-अलग एम्प्लीट्यूड (amplitudes) के द्वारा दिखाया जाता है ?

एम्प्लीट्यूड मोड्यूलेशन

2. ट्रांजिशन (transition) की उपस्थिति से (180 phase shift) एवं 0 को Tansition की अनुपस्थिति से (no phase shift) प्रदर्शित किया जाता है ?

फेज मोड्यूलेशन

 

Concliusion (निष्कर्ष)

तो दोस्तों आपको मेरी यह पोस्ट मोड्यूलेशन (modulation) क्या है? Modulation के विभिन्न प्रकार क्या- क्या है कैसी लगी मुझे आशा है कि आपको मेरी यह पोस्ट बहुत अच्छी और हेल्पफुल लगी होगी अगर आप इस पोस्ट से रिलेटेड कोई सवाल है तो comment करे तथा अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे।

 

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