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हैण्डऑफ क्या होता है? हैण्डऑफ के प्रकार कौन-कौन से है? (Hand off)

हेल्लो नमस्कार दोस्तों आपका मेरे इस ब्लॉग pramodcomputerblog पर स्वागत है आज की पोस्ट बहुत ही खास होने वाली है क्योकि आज की इस पोस्ट में हम आपको हैण्डऑफ क्या होता है? हैण्डऑफ के प्रकार कौन-कौन से है? (Hand off) के बारे में विस्तार से जानकारी देने वाले है इसलिए आज मेरे साथ मेरे ब्लॉग से जुड़े रहे जब सेलुलर मोबाइल फोन दूसरे फ्रिक्वेंसी क्षेत्र में जाता है, तब स्वचलित तरीके से उसे दूसरे फ्रिक्वेंसी पर स्थानांतरित किया जाता है, जिससे फोन पर कार्य जारी रहता है, इस क्रिया को hands off कहा जाता हैं। hands off प्रक्रिया में ना सिर्फ नये बेस स्टेशन की पहचान कि जाती है, अपितु उसे ध्वनी एवं कंन्ट्रोल सकंतो को भी नये चैनल के साथ जोडा जाता हैं। तो चलिए दोस्तों शुरे करते है  –

हैण्डऑफ क्या होता है (What is hands off?)

Hands off in hindi – Hand off की अवधारणा सेलुलर प्रणाली में दो प्रयोगकर्ता के बीच ध्वनी के माध्यम से एक दूसरे से कम्युनिकेशन होता हैं। इसमे दोनों प्रयोगकर्ताओं के पास एक मोबाइल डिवाइस होता है, जो एक जगह से दूसरे जगह आसानी से ले जाया जा सकता हैं। जब कोई मोबाइल फोन प्रयोगकर्ता बात करते हुए किसी सेल कि सीमा से बाहर जाता है, तब उसके सिग्नल कमजोर होते जाते हैं।

Hands off कि प्रक्रिया में पहला MSC (Mobile switching center) नये फ्रिक्वेंसी चैनल में कॉल को स्थानांतरित करने का निवेदन करता हैं। यह नई फ्रिक्वेंसी अगले सेल कि होती हैं। MSC स्वचलित रूप से कॉल को अगले बेस स्टेशन के फ्रिक्वेंसी पर स्थानांतरित कर देता हैं। तथा जब तक कॉल प्रयोगकर्ता बंद नहीं करता, तब तक चलता हैं।

Hands off को निम्न तरीके से परिभाषीत किया जा सकता हैं –

हैण्डऑफ (Hands off) कब होना चाहिए यह भी महत्वपूर्ण है, यदि hands off करने में देरी होती है, तब काल बंद हो सकता हैं। काल बंद ना हो इसलिए बेस स्टेशन मोबाइल फोन के संकेतों पर निगरानी रखता है, तथा जैसे हि उसे संकेत कमजोर होते दिखते है, वह hands off प्रक्रिया चालु कर देता हैं। संकेतो को निरंतर देखना आवश्यक है, अन्यथा काल बंद हो सकते है या अनावश्यक रूप hands off हो सकता हैं। hands off कि क्रिया किसी मोबाइल फोन पर संकेत बहुत कमजोर होने के पहले पूर्ण हो जानी चाहिए।

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Hands off के प्रकार समझाइए (Explain Types of Hands off)

 Hands off के निम्न प्रकार है –

  1.  Single strength hands off
  2.  C/I hands off
  3.  power difference hands off
  4.  mobile assisted had off
  5.  hard hands off
  6.  soft hands off
  7.  delayed hands off
  8.  Queued hands off
  9.  forced hands off
  10.  cell site hands off
  11.  inter system hands off

 

तो दोस्तों आपको यहाँ पर कुछ Hand off के बारे में बताया गया है –

Soft hands off –

इस तकनीक का उपयोग सिर्फ CDMA डिजिटल सेलुलर प्रणाली में ही किया जाता हैं। CDMS प्रणाली में सभी सेल में एक ही रेडीयो माध्यम का उपयोग किया जाता हैं। इससे frequency reuse “k” का एक ही बार प्रयोग होता हैं। इसमे एक फ्रिक्वेंसी से दूसरे फ्रिक्वेंसी पर बदलने कि आवश्यकता नही होती हैं। लेकिन एक कोड से दूसरे कोड पर बदलना पडता है, इसे soft hands off कहते हैं। एक ही CDMA फ्रिक्वेंसी पर CDMA सेल से दूसरे CDMA सेल पर कॉल स्थानांतरित करने कि क्रिया soft hands off होती हैं। CDMA प्रणाली में एक साथ एक से अधिक सेल से एक फोन को संकेतो देने की क्षमता होती हैं। इसमे पुराने बेस स्टेशन से समान ही फ्रिक्वेंसी नये बेस स्टेशन से प्राप्त होती हैं

Hard Hands off –

इस तकनीक भी सिर्फ CDMA प्रणाली में प्रयोग होती हैं। जब दो बेस स्टेशन से अलग-अलग फ्रिक्वेंसी सौपी गई हो उस कार्य को hard hands off कहते हैं।

यह तकनीक निम्न स्थितीयो में लागु होती हैं –

  •  जब सक्रिय सेल के समुह के बाहरी सेल से दूसरे सेल में फोन को स्थतनांतीत किया जाता हैं।
  •  सौपी गई CDMA फ्रिक्वेंसी अलग हैं।

 

Delayed hands off –

जब प्राप्त होने वाले संकेतो का स्तर कम है, तब hands off आवश्यक हो जाता हैं। hands off का अनुरोध होने के कुछ देर बाद hands off किया जाता है, तब उसे delayed hands off कहा जाता हैं। इसका मुख्य उद्देश्य सफल तरीके से hands off करना हैं। बहुत बार सेल कॉल लेने के उपलब्ध नही हो, तब भी delayed hands off होता हैं। जब कोई मोबाइल फोन किसी असमतल या उबड खाबड क्षेत्र में सफर कर रहा है, तब उसमे संकेत बहुत कम समय में कम-अधिक होते रहते हैं। यदि कोई मोबाइल फोन में 5 सेंकण्ड से अधिक समय में कमजोर संकेत प्राप्त हो रहे है, तब delayed hands off प्रक्रिया चालु हो जाती हैं। जब अधिक व्यस्त समय (जब बहुत से मोबाइल फोन एक समय में प्रयोग हो रहे हो) में hands off होता तब switching प्रक्रिया पर अधिक भार हो जाता हैं। ऐसे स्थिती में switching प्रक्रिया कुछ देर से hands off कर स्थिती को संभालती हैं।

Queued hands off –

जब नई सेल साइट जिस पर फ्रिक्वेंसी स्थानांतरित करना है व्यस्त है, तब MTSO, उस hands off को अस्विकार करने के बजाय उसे लाइन में लगा देता है, इस कार्य को queued hands off कहते हैं। जब hands off का निवेदन MTSO पर एक समुह में जाता है, तब ही यह तकनीक प्रभावी होती हैं। यदि एक समान रूप से hands off का निवेदन MTSO पर जा रहा है, तब इस तकनीक की आवश्यकता नहीं होती हैं। यह तकनीक delayed hands off से अधिक प्रभावी हैं। यह तकनीक कोई चैलल उपलब्ध ना होने के कारण किसी hands off न हो पाने के स्थिती में उपयोगी हैं। यह तकनीक कॉल drop होने की संभावना को कम करती है।

 

FAQ’S 

1. Hands off आवश्यक हो जाता हैं ?

जब प्राप्त होने वाले संकेतो का स्तर कम है, तब Hands off आवश्यक हो जाता हैं।

2. MSC का फुल फ्रॉम क्या है ?

MSC का फुल फ्रॉम (Mobile switching center) होता है ।

 

Conclusion (निष्कर्ष) –

तो दोस्तों आपको मेरी यह पोस्ट हैण्डऑफ क्या होता है? हैण्डऑफ के प्रकार कौन-कौन से है? (Hand off) कैसी लगी मुझे जरूर बताए अगर आपका इस पोस्ट से रिलेटेड कोई भी सवाल है तो comment में comment करे तथा मेरे ब्लॉग pramodcomputerblog को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे

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