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कंप्यूटर के कार्य संरचना प्रकार एवं सॉफ्टवेयर हार्डवेयर क्या है?

नमस्कार दोस्तों इस पोस्ट में आपको कंप्यूटर से रिलेटेड जानकारी देंगे। जैसे कि कंप्यूटर के कार्य,संरचना,प्रकार एवं सॉफ्टवेयर/हार्डवेयर क्या है? अब आप कहोगे की ये तो हमें हर वेबसाइट पर मिल जाती है बिलकुल आप की बात सही है लेकिन आपको यह सब सर्च करने के लिए हर बार आप को अलग अलग वेबसाइट पर जाना पड़ता है जिससे आप का समय हो जाता है क्योकि कही आपको आपके हिसाब से जानकारी नहीं मिल पाती है फिर आप हर दूसरी साईट पर जाते हो तो आप का समय ख़राब हो जाता है। तो चलिए दोस्तों शुरू करते है –

 

कंप्यूटर के कार्य 

Table of Contant show

computer ke karya – कंप्यूटर के कार्य निम्लिखित है –

  • इनपुट करना  (Input)
  • स्टोर करना  (Store)
  • प्रोसेसिंग  (Processing)
  • आउटपुट देना  (Output)
  • कंट्रोल करना  (Control)

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  • इनपुट करना (input) –  इनपुट डिवाइस के द्वारा आउटपुट में डाटा डाला जाता है जिसे यह सीपीयू तक पहुंचा यह जाता है।

  • स्टोर करना (storage)-  इनपुट माध्यम से फील्ड किया गया डाटा मेमोरी में जाकर स्टोर हो जाता है।

  • प्रोसेसिंग (Processing)-  कंप्यूटर डाटा के निर्देशानुसार प्रोसेसिंग करता है सीपीयू के भाग ए.एल.यू. में हर प्रकार की घटनाएं या तार्किक प्रश्नों को हल किया जा सकता है इसमें जोड़ना घटाना गुणा भाग आदि तथा संख्याओं की तुलना भी की जा सकती है।

  • आउटपुट देना (Output )-  आउटपुट डिवाइस की सहायता से कंप्यूटर द्वारा डाटा प्रोसेस की उपरांत योजना तक पहुंचाया जाता है आउटपुट यूजर को प्रिंटर स्क्रीन के साथ ऐसे प्राप्त होता है।

  • कंट्रोल (Control )-  करना सीपीयू में कंट्रोल यूनिट मुख्य भाग है जो कंप्यूटर के कार्य को कंट्रोल करता है इसकी सहायता से डाटा की मेमोरी वैल्यू में भेजा जाता है यह सूचना को मेमोरी में सही स्थान पर पहुंचाया जाता है उत्तर के प्रोसेसिंग के बाद परिणाम को बना मेमोरी में भेज देना भी इसी का कार्य है।

 

कंप्यूटर की परिभाषा 

कंप्यूटर की परिभाषा – कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जो इनपुट डिवाइस की सहायता से डाटा इनपुट करता है एवं डाटा की प्रोसेसिंग करता है और आउटपुट डिवाइस की सहायता से हमें सूचना एवं जानकारी उपलब्ध कराता है।

 

कंप्यूटर की संरचना 

कंप्यूटर की संरचना – इनपुट के माध्यम से आप जो कुछ भी टाइप करते है वह कंप्यूटर की मेमोरी में चला जाता है डाटा मेमोरी में स्टोर होने के बाद एक कॉपी कंट्रोल यूनिट को चली जाती है यदि आपके डाटा में गणित से संबंधित कोई कार्य है तो डाटा ALU  में भेज दिया जाता है ALU  में सभी प्रकार के कैलकुलेशन होते हैं प्रोसेसिंग होने के बाद जो परिणाम प्राप्त होता है वह पहले मेमोरी में जाकर स्टोर होते हैं और फिर उसे आउटपुट पर भेज दिया जाता है।

 

कंप्यूटर के भाग

कंप्यूटर के वे भाग जिन्हें कंप्यूटर पर कार्य करते समय आपको प्रयोग करना है जो निम्नलिखित है-

  1. सी.पी.यू.  (Central Processing Unit)
  2. कीबोर्ड  (Keyboard)
  3. माउस  (Mouse)
  4. फ्लॉपी डिस्क ड्राइव  (Flopypy Disk Drive)
  5. हार्ड डिस्क ड्राइव  (Hard Disk Drive)
  6. कॉम्पिटेटिव डिस्क ड्राइव  (Compact Disk Drive)
  7. मॉनिटर  (Moniter)

 

सी.पी.यू.  (Central Processing Unit)

यह कंप्यूटर का मुख्य भाग है कंप्यूटर का मुख्य भाग मदरबोर्ड मॉनिटर कीबोर्ड प्रिंटर फ्लॉपी टेस्ट के हार्ड टेस्ट के आदि को संचालित करने वाले सर्किट सीपीयू में लगी रहती है।

सी.पी.यू. के कुछ भाग होते हैं जो निम्न प्रकार से हैं

1  कंट्रोल यूनिट  (Control Unit)-

इस कंप्यूटर की मास्टर यूनिट कहा जाता है कंप्यूटर की यह इकाई कंप्यूटर के सभी भागों के बीच समन्वय स्थापित करने का कम रहती है जब हम कंप्यूटर में कोई प्रोग्राम लोड कहते हैं तो वह सीधे इसकी मेमोरी में चला जाता है कंट्रोलर में मेमोरी से डाटा को टेक्निकल लॉजिकल यूनिट को ट्रांसफर करने का आदेश देता है जहां पर गाना आदि कार्य संपन्न कराए जाते हैं आलू से प्राप्त परिणामों को कंट्रोल यूनिट मेमोरी में तथा वहां से आउटपुट यूनिट को ट्रांसफर कर देता है ताकि उन्हें प्रिंट किया जा सके कंट्रोल यूनिट सभी महत्वपूर्ण भागों जैसे प्रिंटर डिस्क ड्राइव वह ऑपरेटिंग सिस्टम से जुड़ा होता है।

2  ए.एल.यू. (Arithmetical Logic Unit)-

यह सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट का वह भाग है जहां कंप्यूटर के कैलकुलेटर भाग आदि होती है यह यूनिट 30 से कितना स्वीकार करती है पल भर में लाखों घटनाएं हो जाती है alu के अंदर डाटा हुआ प्रोग्राम इनपुट यूनिट और कंप्यूटर मेमोरी से लिए जाते हैं कंट्रोल यूनिट द्वारा डाल दिए गए प्रोग्राम के अनुसार गाना या अन्य कार्य कर तैयार जानकारी आउटपुट यूनिट को दे दी जाती है।

ए.एल.यू. इस यूनिट के दो मुख्य कार्य हैं-

  1. गुना जोड़ भाग घटना इत्यादि गणितीय कार्य है।

  2. लॉजिक एवं तार के प्रश्न हल करना।

 

कंप्यूटर के प्रकार (Type of Computer)

वर्तमान समय में कंप्यूटर का सभी जगह पर व्यापक रूप से उपयोग हो रहा है विभिन्न प्रणालीयो में कंप्यूटर के अनेक Application है, जिनमे से कार्य पद्धतियों के आधार पर कंप्यूटर का वर्गीकरण निम्न प्रकार से किया जा सकता है-

  1. डिजिटल कंप्यूटर  (Digital Computer)
  2. एनालॉग कंप्यूटर  (Analog Computer)
  3. हाइब्रिड कंप्यूटर  (Hybrid Computer)
  4. ऑप्टिकल कंप्यूटर  (Optical Computer)
  5. एटामिक कंप्यूटर  (Atomic Computer)
  6. लैपटॉप कंप्यूटर  (Laptop Computer)
  7. नोटबुक कंप्यूटर  (Notebook Computer)
  8. पाम टॉप  (Palm top) 
  9. वर्क स्टेशन  (Workstation)

 

1. डिजिटल कंप्यूटर (Digital Computer)

अधिकतर कंप्यूटर डिजिटल कंप्यूटर होते है यह कंप्यूटर सभी प्रकार के सूचनाओं को बाइनरी पद्धति में बदलकर अपना काम करते हैं डिजिटल कंप्यूटर डाटा और प्रोग्राम को 0 तथा 1 के संकेत में परिवर्तित करके उनको इलेक्ट्रॉनिक रूप में ले आता है।

डिजिटल कंप्यूटर के प्रकार इन कंप्यूटरों को चार भागों में बांटा गया है –

  1. मेनफ्रेम कंप्यूटर  (Mainframe Computer)
  2. मिनी कंप्यूटर (Mini Computer)
  3. माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer)
  4. सुपर कंप्यूटर (Super Computer)

 

2. एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer)

एनालॉग कंप्यूटर एनालॉग एक ग्रीक शब्द है जिसका अर्थ है दो राशियों में अनुरुपिता खोजना, जिस प्रकार डिजिटल कंप्यूटर अंकों को गिनकर काम करता है उसी प्रकार एनालॉग कंप्यूटर माफ कर या नापकर अपना काम करता है।

 

3. हाइब्रिड कंप्यूटर (Hybrid Computer)

हाइब्रिड कंप्यूटर डिजिटल कंप्यूटर व एनालॉग कंप्यूटर उन दोनों तरह के कंप्यूटर को मिलाकर बनाए गए कंप्यूटर में दोनों तरह की कंप्यूटर की विशेषताओं का लाभ उठाया जा सकता है।

 

4. ऑप्टिकल कंप्यूटर (Optical Computer)

ऑप्टिकल कंप्यूटर आधुनिक युग के कंप्यूटरों के रूप में इस प्रकार के कंप्यूटर बनाए जा रहे हैं जिनमे एक डिवाइस को दूसरे से जोड़ने का कार्य ऑप्टिकल फाइबर के तारों से किया जाता है उनके गणना करने वाली डिवाइस प्रकाशीय पद्धति पर आधारित बनाए गए हैं इनमें प्रकाश के संवहन के लिए तार जैसे मध्यम की आवश्यकता नहीं होती है जिसमें प्रकाश की गति, विधुत से अधिक होती है इसलिए बिना तार के प्रकाशीय पद्धति आधारित कंप्यूटर विकसित किया जा रहे हैं।

 

5. एटामिक कंप्यूटर (Atomic Computer)

यह ऐसा विकाशसील कंप्यूटर है जो कुछ विशेष प्रोटीन अनुओ को एकीकृत सर्किट में बदल जाए और इसमें इतनी अधिक स्मृति क्षमता आ जाए कि यह आपके कंप्यूटरों से 10000 गुना अधिक क्षमता वाले हो।

 

6. लैपटॉप कंप्यूटर (Laptop Computer)

लैपटॉप कंप्यूटर निजी उपयोग में पर्सनल कंप्यूटर कितने उपयोगी शुद्ध हुए हैं कि अब अनेक व्यापारी व अनुशासकीय अधिकारी इन्हें सदैव अपने साथ रखना चाहते हैं इस आवश्यकता की पूर्ति करें करने के लिए कंप्यूटर आकार में इतने छोटे बनने लगे कि आप इसे अपने साथ ले जा सकते हैं यह ब्रेकफास्ट की तरह एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाई वह ले जाए जा सकती है ऐसे कंप्यूटर को लैपटॉप कंप्यूटर कहते हैं।

 

7. नोटबुक कंप्यूटर (Notebook Computer)

 नोटबुक कंप्यूटर या कंप्यूटर आकार में बहुत छोटे होते हैं और बैक्टीरिया द्वारा चलते हैं परंतु उनकी कर क्षमता पर्सनल कंप्यूटरों से कोई काम नहीं होती हैं।

 

8. पाम टॉप (Palm top) 

यह कंप्यूटर भी छोटे कंप्यूटर को छोटे में आते हैं इन्हें एक हाथ में रखकर दूसरे हाथ से चलाया जाता है और इसलिए इन्हें पाम टॉप  कंप्यूटर कहा जाता है।

 

9. वर्क स्टेशन (Workstation)

वर्क स्टेशन एक अत्यंत शक्तिशाली प्रकार का कंप्यूटर होता है जिसका उपयोग जटिल इकाई कार्य करने के लिए किया जाता है।

 

कंप्यूटर के हार्डवेयर/ सॉफ्टवेयर 

कंप्यूटर के दो मुख्य भाग होते हैं-

  1. हार्डवेयर
  2. सॉफ्टवेयर।

 

1. हार्डवेयर –

हार्डवेयर कंप्यूटर का वह मशीनरी भाग जिसे हम छू सकते हैं देख सकते हैं तथा बाहरी और आंतरिक कल पूंजी जिन्हें हम देख सकते हैं वह हार्डवेयर कहलाते हैं। कंप्यूटर के रखरखाव तथा सही उपयोग के लिए हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर का समुचित ज्ञान होना आवश्यक है कंप्यूटर के पार्ट्स कल पुर्जे जिन्हें हम छूकर देख सकते हैं हार्डवेयर कहलाते हैं।

  • कीबोर्ड  (keyboard)
  • माउस  (Mouse)
  • मॉनिटर  (Moniter) 
  • सी.पी.यू.  (Contral Processing Unit)
  • हार्ड डिस्क  (Hard Disk)
  • फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk)
  • प्रिंटर  (Printer)

     

    2. सॉफ्टवेयर –

    कंप्यूटर की विशिष्ट भाषा में लिखे गए निर्देशों का समूह, जो कंप्यूटर में इनपुट किए गए डाटा की प्रोसेस करता है और कंप्यूटर को चलाने में सहायता प्रदान करता है वे सॉफ्टवेयर कहलाते हैं किसी भी प्रकार के कार्य को करने के लिए उससे संबंधित सॉफ्टवेयर कंप्यूटर में होना अति आवश्यक होता है। प्रोग्राम,डाटा आदि सूचनाओं के समूह को सॉफ्टवेयर कहते हैं।

    कंप्यूटर में इन दोनों में से किसी एक के खराब होने पर कंप्यूटर पर कार्य करना संभव नहीं है।

    सॉफ्टवेयर के प्रकार

    सॉफ्टवेयर मुख्ता दो प्रकार के होते हैं।

    1. सिस्टम सॉफ्टवेयर  (System Software)
    2. एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software)

     

    1. सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software)

     सिस्टम सॉफ्टवेयर या कंप्यूटर को चलाने करने में सहायता करते हैं तथा कंप्यूटर के भागों को नियंत्रण करते हैं जैसे- डॉक्स, विंडोज, लाइनेक्स आदि।

    2. एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software)

    एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर या सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ता के द्वारा अपनी जरूरत के अनुसार बनाया जाता है जैसे- एमएस वर्ड, एमएस एक्सल आदि।

    रॉ डाटा (Row Data) –

    रॉ डाटा वे सभी आंकड़े होते हैं जो हम इनपुट माध्यम के द्वारा कंप्यूटर को देते हैं उदाहरण के लिए एक बिजली का बिल कंप्यूटर से बनाने के लिए हमें उपयोगकर्ता का नाम पता और मीटर का नंबर सहित, मीटर रीडिंग आदि की आवश्यकता होती है इन सभी जानकारी को रॉ डाटा कहते हैं।

    प्रोग्राम (Programme) –

    कंप्यूटर की विशिष्ट भाषा में लिखे गए निर्देशों का वह समूह जो कंप्यूटर में इनपुट किए गए रॉ डाटा की प्रोसेस करता है प्रोग्राम कहलाता है।

     

    FAQ’s

    1. कंप्यूटर में हार्डवेयर और सोफ्टवेयर क्या होता है ?

    हार्डवेयर कंप्यूटर का वह मशीनरी भाग जिसे हम छू सकते हैं देख सकते हैं तथा बाहरी और आंतरिक कल पूंजी जिन्हें हम देख सकते हैं वह हार्डवेयर कहलाते हैं। किसी भी प्रकार के कार्य को करने के लिए उससे संबंधित सॉफ्टवेयर कंप्यूटर में होना अति आवश्यक होता है। प्रोग्राम,डाटा आदि सूचनाओं के समूह को सॉफ्टवेयर कहते हैं।

     2. सॉफ्टवेयर क्या है और इसके प्रकार ?

    किसी भी प्रकार के कार्य को करने के लिए उससे संबंधित सॉफ्टवेयर कंप्यूटर में होना अति आवश्यक होता है। प्रोग्राम,डाटा आदि सूचनाओं के समूह को सॉफ्टवेयर कहते हैं।

    सोफ्टवेयर के प्रकार-   1.  सिस्टम सॉफ्टवेयर  (System Software)

                                    2.  एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software)

    3. सोफ्टवेयर कैसे काम करता है ?

      एक सोफ्टवेयर user द्वारा दिए गए आदेशो का निष्पक्ष करता है ।

       

      Conclusion (निष्कर्ष)

      तो दोस्तों आज आपने कंप्यूटर के कार्य,संरचना,प्रकार एवं सॉफ्टवेयर/हार्डवेयर क्या है? आदि के बारे जाना है साथ ही आपने कंप्यूटर के सोफ्टवेयर तथा हार्डवेयर के बारे में भी जाना है। आशा है कि आपको मेरी ये पोस्ट अच्छी लगी होगी अगर आप इस पोस्ट से रिलेटेड कुछ जानना चाहते है तो मुझे comment करे , और अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे।

       

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